रायपुर CG NEWS: राजधानी में उठी यह घटना राज्यवासियों के बीच गहरी नाराजगी और शंका पैदा कर रही है। जोहार छत्तीसगढ़ पार्टी का कहना है कि विगत दिनों एयरपोर्ट मार्ग के पहले स्थित वीआईपी चौक में लगी विशाल छत्तीसगढ़ महतारी की मूर्ति को आपराधिक तत्वों ने शत-विशत कर दिया, और यह कृत्य राज्योत्सव से ठीक पहले किया गया। मीडिया रिपोर्टों के हवाले से यह घटना लगभग 23 अक्टूबर 2025 के आसपास दिनदहाड़े हुई बताई जा रही है, जबकि प्रशासन द्वारा इसे सार्वजनिक न करने के कदमों ने भी सवाल खड़े कर दिए हैं। पार्टी का आरोप है कि यह एक सोची-समझी साजिश है, जिसका उद्देश्य छत्तीसगढ़ियों की आस्था और स्वाभिमान को ठेस पहुँचाना है।
पूरी घटना का जोहार पार्टी द्वारा किया गया बयान गम्भीर है — पार्टी ने कहा कि मूर्तियों के खंडन के माध्यम से कुछ छत्तीसगढ़ विरोधी प्रवृत्तियाँ लगातार हमारी सांस्कृतिक पहचान पर हमला कर रही हैं, और ऐसे मामलों की root-level जांच जरूरी है। पार्टी ने शांतिपूर्ण व लोकतांत्रिक तरीके से अपनी आवाज पहुंचाने के लिए 31 अक्टूबर को राजधानी बंद करने की अपील की है ताकि वास्तविक दोषियों तक कानूनी कार्रवाई पहुंच सके।

घटना पर व्यापारिक और शैक्षिक संगठनों की प्रतिक्रिया मिली-जुली रही। छत्तीसगढ़ चैंबर ऑफ कॉमर्स ने रायपुर बंद का समर्थन करने से इनकार किया है। चैंबर के अध्यक्ष ने बताया कि संविधान के अनुसार किसी भी बंद के समर्थन के लिए 48 घंटे पहले औपचारिक आवेदन होना अनिवार्य है और उन्हें यह आवेदन आज शाम प्राप्त हुआ है — इतनी तात्कालिकता में बैठक बुलाकर निर्णय नहीं लिया जा सकता; इसलिए चैंबर ने बंद का समर्थन नहीं किया है और कहा है कि शुक्रवार को सभी दुकानें अपने निर्धारित समय पर खुली रहेंगी।
इसी तरह, प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने भी कहा है कि उन्हें किसी प्रकार की आधिकारिक सूचना नहीं मिली है और शुक्रवार को सभी प्राइवेट स्कूल सामान्य रूप से खुले रहेंगे। शिक्षा संस्थानों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों के अलग रुख ने यह संकेत दिया है कि राजधानी में हालात सामान्य बने रहने की उम्मीद है, परन्तु सामाजिक और राजनैतिक उतार-चढ़ाव से जुड़े जोखिमों पर प्रशासन को चौकस रहने की आवश्यकता है।
घटना की जांच से जुड़े प्रमुख बिंदु:
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार घटना लगभग 23 अक्टूबर 2025 के आसपास हुई; पर प्रशासन द्वारा देरी से जानकारी साझा किए जाने ने संदिग्ध परिस्थितियाँ पैदा कर दी हैं।
जोहार छत्तीसगढ़ पार्टी ने इसे राज्य की अस्मिता पर हमला करार दिया है और शांतिपूर्ण तरीके से आवाज उठाने के लिए रायपुर बंद बुलाया है।
छत्तीसगढ़ चैंबर ऑफ कॉमर्स और प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने बंद के समर्थन से इनकार किया — दोनों संस्थाओं का कहना है कि उन्हें औपचारिक सूचना/आवेदन नहीं मिला है।
प्रशासन और कानून-व्यवस्था वाले विभागों से यह उम्मीद बढ़ रही है कि दोषियों की पहचान कर त्वरित और पारदर्शी कार्रवाई की जाएगी ताकि समाज में व्याप्त संशयों को खत्म किया जा सके।


 
			
 
                                 
                              
		 
		 
		