कोर्ट को बताया गया कि, कोलाहल अधिनियम में इतने कड़े प्रावधान है ही नहीं। एक या दो बार 500-1000 रुपए पेनाल्टी लगाकर छोड़ दिया जाता है। ना सामान की जब्ती होती है और ना ही कोई कड़े नियम बनाए गए है। कोर्ट ने मामले में सरकार को कार्रवाई के संबंध में जवाब प्रस्तुत करने कहा है। याचिकाकर्ताओं की तरफ से बताया गया कि केन्द्र सरकार की नॉइसपाल्यूशन कंट्रोल के तहत पांच लाख रुपए तक की पेनाल्टी लगाए जाने का प्रावधान है। छग में इसे अभी तक लागू नहीं किया गया है। सरकार की ओर से कहा गया कि इसे विधानसभा में रखकर पास कराया जाएगा और लागू किए जाएंगे।
आपको बता दें कि रायपुर की सिंगापुर सिटी के पास रहने वाले अमित मल ने एक हस्तक्षेप याचिका दायर की थी, कि सिंगापुर सिटी के मरीना क्लब में डांडिया खेलते समय ध्वनि प्रदूषण की समस्या उत्पन्न हुई थी। इसके बावजूद पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की गई।
साउंड सिस्टम में लेजर लाइट पर पहले से ही रोक
सरकार की ओर से कहा गया कि डीजे और अन्य वाहन माउंटेड साउंड सिस्टम में लेजर लाइट पर पहले से ही रोक है। उल्लंघन पर जुर्माना लग रहा है। बार-बार उल्लंघन पर वाहन जब्त किए जा रहे हैं।

