जीएसटी का डांडिया : आयोजकों को नोटिस थमाय
बिलासपुर। : नवरात्रि के उत्साह के बीच बिलासपुर में गरबा आयोजनों पर जीएसटी विभाग ने सख्ती बरतनी शुरू कर दी है। स्थानीय आयोजक ग्रुप को नोटिस जारी कर पूरे इवेंट के खर्चे और आय का ब्यौरा मांगा गया है। यह कदम गरबा इवेंट्स के करोड़ों के कारोबार पर नजर रखने के उद्देश्य से उठाया गया है, जहां टिकट बिक्री, स्पॉन्सरशिप और अन्य स्रोतों से लाखों-करोड़ों की कमाई हो रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह नोटिस न केवल करुणा ग्रुप तक सीमित रहेगा, बल्कि शहर के अन्य बड़े आयोजनों पर भी छापेमारी का संकेत देता है।

करोड़ों का कारोबार, लेकिन टैक्स का हिसाब अधूरा?
बिलासपुर में इस साल नवरात्रि के दौरान दर्जनों गरबा पंडाल सजे हैं, जहां रोजाना हजारों लोग पहुंच रहे हैं। साइंस कॉलेज ग्राउंड, तिलक मैदान और अन्य प्रमुख स्थानों पर आयोजित इन इवेंट्स से आयोजकों को टिकटों से ही लाखों रुपये की कमाई हो रही है। एक अनुमान के मुताबिक, शहर में कुल गरबा कारोबार 5-10 करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है। लेकिन जीएसटी विभाग का कहना है कि कई आयोजक रजिस्टर्ड नहीं हैं या टैक्स जमा नहीं कर रहे। करुणा ग्रुप के इवेंट में 18% जीएसटी लागू होने की संभावना है, खासकर अगर एंट्री फीस 500 रुपये से अधिक है।
जानकारी के मुताबिक विभाग ने नोटिस में स्पष्ट कहा है कि खर्चे, आय और जीएसटी रिटर्न का पूरा विवरण 7 दिनों में जमा किया जाए, वरना पेनल्टी और कानूनी कार्रवाई होगी। “गरबा जैसे सांस्कृतिक आयोजन अब कमर्शियल बिजनेस बन चुके हैं। हमारा उद्देश्य टैक्स चोरी रोकना है, न कि उत्सव को बाधित करना। रजिस्टर्ड आयोजकों को इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ भी मिलेगा।” यह नोटिस 24 सितंबर को जारी किया गया, जब नवरात्रि का चौथा दिन चल रहा था।
आयोजकों में हड़कंप, विवादास्पद गाने भी मुद्दा
नोटिस की खबर फैलते ही आयोजकों में हड़कंप मच गया। ग्रुप के एक प्रतिनिधि ने कहा, “हम जीएसटी के अनुपालन के लिए तैयार हैं, लेकिन अचानक नोटिस से व्यवस्था बिगड़ गई। हम ब्यौरा जमा करेंगे।” शहर के अन्य आयोजक भी अब अपने रिकॉर्ड चेक कर रहे हैं। इधर, गरबा इवेंट्स पर एक और विवाद खड़ा हो गया है। साइंस कॉलेज ग्राउंड में देर रात तक अश्लील गाने बजने और ध्वनि प्रदूषण के आरोप लगे, जिससे धार्मिक भावनाएं आहत हुईं। स्थानीय निवासियों ने प्रशासन से शिकायत की है कि रात 10 बजे के बाद लाउडस्पीकर बंद करने के नियमों का उल्लंघन हो रहा है।
पुराना विवाद, नया मोड़: गुजरात से सबक
यह पहली बार नहीं है जब गरबा पर जीएसटी का मुद्दा उठा हो। 2022 में गुजरात में 18% टैक्स पर विवाद हुआ था, जहां एंट्री फीस 500 रुपये से अधिक पर ही टैक्स लगता है। केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने स्पष्ट किया था कि सांस्कृतिक आयोजनों पर छूट है, लेकिन कमर्शियल इवेंट्स पर नहीं। बिलासपुर में भी यही फॉर्मूला लागू हो रहा है। नवरात्रि 2025 के लिए जीएसटी नियमों में कोई बड़ा बदलाव नहीं आया, लेकिन हाल के स्लैब रिविजन (5% और 18%) से आयोजकों को राहत मिली है।
प्रशासन की अपील: नियमों का पालन करें
जिला प्रशासन ने सभी आयोजकों को निर्देश दिए हैं कि जीएसटी रजिस्ट्रेशन अनिवार्य हो, ध्वनि सीमा का पालन करें और सुरक्षा सुनिश्चित करें। कलक्टर ने कहा, “नवरात्रि का आनंद लें, लेकिन कानून का उल्लंघन न करें।” आने वाले दिनों में और नोटिस जारी होने की संभावना है।
यह घटना नवरात्रि के व्यावसायिक रूप को उजागर करती है। क्या यह टैक्स अनुपालन बढ़ाएगा या उत्साह पर ब्रेक लगाएगा? समय बताएगा।
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