सुकमा। CG NEWS : निराश्रित और घुमंतु गौवंशों के संरक्षण-संवर्धन के लिए जिला प्रशासन ने एक महत्वपूर्ण पहल करते हुए ‘गौधाम योजना’ शुरू की है। कलेक्टर देवेश कुमार ध्रुव के निर्देश पर जिला पंचायत सीईओ मुकुन्द ठाकुर की अध्यक्षता में आयोजित समीक्षा बैठक में योजना के क्रियान्वयन पर विस्तृत चर्चा की गई और संबंधित विभागों को दिशा-निर्देश दिए गए।
योजना का मुख्य उद्देश्य
जिला पशु चिकित्सालय सुकमा के डॉ. संदीप ने बताया कि यह योजना छत्तीसगढ़ कृषिक पशु परिरक्षण अधिनियम के तहत जब्त एवं निराश्रित गौवंशों के संरक्षण, संवर्धन और सुरक्षित विस्थापन के उद्देश्य से शुरू की गई है। योजना का मुख्य लक्ष्य गौवंश को सुरक्षित आश्रय उपलब्ध कराना है।
राष्ट्रीय राजमार्ग के आसपास पहले चरण में स्थापना
सीईओ मुकुन्द ठाकुर के अनुसार प्रथम चरण में गौधामों की स्थापना राष्ट्रीय राजमार्गों के आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में की जाएगी। इससे न केवल सड़क दुर्घटनाएं कम होंगी, बल्कि गौवंशों को स्थायी सुरक्षित स्थान भी मिलेगा।
गौधाम में होंगी ये सुविधाएँ
•सुरक्षित बाड़ा
•पशु शेड
•पानी और बिजली की सुविधा
•हरे चारे के लिए चारागाह
इन सुविधाओं को हर चयनित भूमि पर अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराया जाएगा।
प्रक्रिया और संचालन
जिला प्रशासन द्वारा प्रस्ताव छत्तीसगढ़ राज्य गौसेवा आयोग की स्वीकृति के बाद ही अंतिम मंजूरी दी जाएगी। संचालन की जिम्मेदारी पंजीकृत गौशाला समितियों एवं गौसेवा व पशु नस्ल सुधार से जुड़ी संस्थाओं को प्राथमिकता से सौंपी जाएगी।
गोंगला और रामपुरम (गीदमनाला) का चयन
बैठक में ग्राम पंचायत गोंगला एवं रामपुरम (गीदमनाला) की भूमि का परीक्षण किया गया है। जिला प्रशासन जल्द ही इन स्थानों के लिए प्रस्ताव को आयोग को भेजेगा।
सीईओ ठाकुर ने सभी विभागों को अपनी-अपनी जिम्मेदारियाँ निर्धारित समय-सीमा में पूर्ण करने और योजना की सफलता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। बैठक में सभी संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।

