गिरिश गुप्ता गरियाबंद-: जिले के एकमात्र धान संग्रहण केंद्र कुंडेल भाठा में ठेका कर्मियों ने एक बार फिर कामकाज ठप कर दिया है। कर्मचारियों ने गेट के सामने बैठकर प्रबंधन और ठेकेदारी व्यवस्था के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया और नारेबाजी की।
कर्मचारियों का आरोप है कि पीएफ भुगतान में लगातार लापरवाही और ठेकेदार की मनमानी के चलते उन्हें बार-बार सड़कों पर उतरना पड़ रहा है।
एक माह पहले भी दी थी चेतावनी
मालूम हो कि 23 जुलाई 2025 को भी कर्मचारियों ने इसी मुद्दे पर हड़ताल की थी। उस समय जिला विपणन अधिकारी (DMO) ने 40% पीएफ राशि देने का भरोसा दिलाया था। लेकिन करीब एक माह बीत जाने के बाद भी अधिकांश कर्मियों के खातों में राशि जमा नहीं की गई।
ठेका कर्मियों की चेतावनी
कर्मचारियों का कहना है कि बार-बार आश्वासन देने के बाद भी जब तक उनकी बकाया पीएफ राशि का भुगतान नहीं किया जाता, वे काम पर वापस नहीं लौटेंगे। उन्होंने साफ कहा कि अब केवल वादों से काम नहीं चलेगा, इस बार ठोस कार्रवाई चाहिए।
प्रशासनिक अमला मौके पर
हड़ताल की सूचना मिलते ही फिंगेश्वर पुलिस की टीम, जिला विपणन अधिकारी अमित चंद्राकर, तहसीलदार अंजलि खलखो और जिला खाद्य अधिकारी अरविंद दुबे मौके पर पहुंचे। अधिकारियों ने हड़ताली कर्मियों से चर्चा कर समझाने की कोशिश की, लेकिन समाधान न निकल पाने से कर्मचारी अपनी मांगों पर डटे हुए हैं।
संग्रहण केंद्र का कामकाज प्रभावित
हड़ताल की वजह से केंद्र का समूचा कामकाज बाधित हो गया है। किसान भी अपने धान के समर्थन मूल्य पर खरीदी और तुलाई की प्रक्रिया को लेकर चिंतित दिख रहे हैं। लगातार हो रही हड़ताल से धान खरीदी व्यवस्था पर असर पड़ने का अंदेशा बढ़ गया है।
कर्मचारियों का आरोप
हड़ताल पर बैठे कर्मचारियों ने कहा कि –
“हर बार अधिकारी आते हैं, मीटिंग होती है, लेकिन रिजल्ट शून्य रहता है।”
“हमारा पसीने का हक हमें नहीं मिल रहा।”
“अगर जल्द समाधान नहीं हुआ तो हड़ताल को और उग्र करेंगे।”
कुंडेलभाठा केंद्र की यह जमीनी हकीकत न केवल ठेका कर्मियों की परेशानी उजागर करती है बल्कि प्रशासन की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े करती है।