गिरिश गुप्ता गरियाबंद:- जिले के ग्राम पेंड्रा में झोलाछाप डॉक्टरों की लापरवाही से एक व्यक्ति की मौत हो गई। मृतक का नाम पुरुषोत्तम ध्रुव है, जिसे पाइल्स की समस्या थी। मृतक ने इलाज के लिए उड़ीसा बॉर्डर के अमलीपदर से आए संजू राजपूत और ओड़िसा बॉर्डर के बबलू टांडी, उसके बेटे से संपर्क किया। बताया जाता है कि इन लोगों ने बाकायदा 30 हज़ार रुपए में इलाज का ठेका लिया था। दो बार आकर उन्होंने इलाज भी किया और हर बार 10-10 हज़ार रुपए लिए।
शनिवार को जब वे तीसरी बार पहुंचे तो इलाज के बाद पुरुषोत्तम की हालत बिगड़ने लगी। इस पर झोलाछाप डॉक्टरों ने परिवार से कहा कि पेशेंट का इलाज कर दिया है फिलहाल उसको सोने दो, दवा असर कर रही है। इतना कहकर वे बिना पैसे लेकर वहां से निकल गए। शंका होने पर जब मृतक की बेटी लालिमा ने पिता को कमरे के अंदर जाकर देखा तो वह तड़प रहे थे। घर में चीख-पुकार मच गई। भाई ने बाइक से डॉक्टरों का पीछा करने की कोशिश की, लेकिन वे फरार हो चुके थे।
परिजनों ने पुरुषोत्तम को तुरंत गरियाबंद जिला अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
डॉ. हरीश चौहान ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में इलाज के दौरान हुए जख्म ही मौत का कारण पाए गए हैं।
इस मामले में एडिशनल एसपी जितेंद्र चंद्राकर ने कहा कि मर्ग कायम कर लिया गया है और रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। गांव में इस घटना को लेकर आक्रोश है। ग्रामीणों का कहना है कि अगर ऐसे झोलाछाप डॉक्टरों पर सख्त कार्रवाई नहीं हुई तो किसी और की जिंदगी भी ऐसे ही खत्म हो सकती है।

