रायपुर।: छत्तीसगढ़, दिनांक 01/10/2025। न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी, रायपुर, छत्तीसगढ़, श्रीमान स्वर्णलता ओम यादव की अदालत ने आज एक महत्वपूर्ण निर्णय सुनाते हुए घरेलू वाद विवाद के एक मामले में आरोपी राजेश कहार को दोषमुक्त (बरी) कर दिया। यह मामला पुलिस थाना सरस्वती नगर, रायपुर में वर्ष 2022 में आरोपी के सौतेले भाई और पिता की शिकायत पर Arms Act की धारा 25 के तहत दर्ज किया गया था।
मामला मूल रूप से एक घरेलू विवाद से उपजा था। विचारण के दौरान, मुकदमे के गवाहों ने भी इस तथ्य को स्वीकार किया। न्यायालय ने यह उल्लेख किया कि मामले की विवेचना (इन्वेस्टिगेशन) करने वाले अधिकारी ने जाँच में अनेक त्रुटियाँ की थीं। इन त्रुटियों, स्वतंत्र गवाहों के अभाव और मामले की घरेलू प्रकृति को दृष्टिगत रखते हुए न्यायालय ने आरोपी राजेश कहार को संदेह का लाभ देते हुए दोषमुक्त करने का निर्णय सुनाया।
आरोपी पक्ष की ओर से बचाव पक्ष के वकील, श्री भगवानू नायक ने न्यायालय में पैरवी की, जिनका सहयोग अधिवक्ता उर्वशी घोष और अधिवक्ता पारस मणि ने किया। बचाव पक्ष के अधिवक्ता भगवानू नायक का मुख्य तर्क था कि यह मामला मकान/संपत्ति के बँटवारे और घरेलू झगड़े का था, जिसे आरोपी को उसके मकान/संपत्ति से बेदखल करने के उद्देश्य से गलत तरीके से एक गंभीर के मामले का रूप दे दिया गया। बचाव पक्ष ने आरोप लगाया कि आरोपी के सौतेले भाई ने उसके साथ मारपीट किया और उल्टे उसे ही फँसाने के लिए यह झूठा मामला दर्ज कराया।
इस निर्णय पर प्रतिक्रिया देते हुए अधिवक्ता भगवानू नायक ने कहा, “यह न्यायिक प्रक्रिया की एक जीत है। न्यायालय के इस फैसले ने न केवल एक निर्दोष व्यक्ति को न्याय दिलाया है, बल्कि उन सभी लोगों के लिए एक आशा की किरण है जो झूठे और दबाव के मामलों में फँसाए जाते हैं। इससे आम जनता का न्यायिक व्यवस्था पर विश्वास और मजबूत होगा।”

