रायपुर । CG NEWS : छत्तीसगढ़ सिख संगठन सिखों के नौवें गुरु श्री गुरु तेग बहादुर जी की 350वीं शहादत दिन को श्रद्धापूर्वक मनाने जा रहा है। इस पहल का उद्देश्य नई पीढ़ी को गुरु तेग बहादुर जी की शिक्षाओं और बलिदानों से अवगत कराना है, जिन्होंने धार्मिक स्वतंत्रता के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया। गुरु तेग बहादुर की समृद्ध और प्रेरणादायक विरासत को आगे बढ़ाने के लिए छत्तीसगढ़ सिख संगठन के प्रतिनिधियों ने शनिवार को रायपुर के निजी होटल में गुरु तेग बहादुर जयंती को लेकर बैठक आयोजित की गई।

बैठक में छत्तीसगढ़ सिख संगठन के प्रमुख पदाधिकारी के अलावा अमृतसर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रमुखजन भी विशेष रूप से शामिल हुये।

मीडिया से चर्चा के दौरान छग अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष अमरजीत सिंह छाबड़ा ने कहा कि सिख समुदाय के नौवें सिक्ख गुरु श्री गुरु तेग बहादुर के सर्वोच्च बलिदान की मानवता सदैव ऋणी रहेगी।

उन्होंने धर्म, मातृभूमि और जनता के अधिकारों की रक्षा के लिए अपना सब कुछ बलिदान कर दिया। इसीलिए उन्हें हिंद की चादर के सर्वोच्च सम्मान से नवाजा गया।

अद्वितीय तरीके से श्री गुरु तेग बहादुर निडर होकर एक स्वतंत्र जीवन जीने की शिक्षा दी।

मुगल सम्राट औरंगजेब द्वारा गुरू जी और उनके परिवार को भारी यातनाएं देने पर भी उन्होंने आत्मसमर्पण नहीं किया, बल्कि उन्हें एक दिव्य शांति के साथ सहन किया।



