जगदलपुर में बस्तर संभाग के सबसे बड़े मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल में बीते कुछ सालों से चूहों ने जमकर तांडव मचाया है. इन चूहों ने मेडिकल कालेज में रखी गईं करोड़ों रुपये की मशीनों को भी नुकसान पहुंचाया है. ये चूहे यहां भर्ती मरीजों के ग्लूकोज को भी पी गए हैं. गौरतलब है कि, ये समस्या साल 2022 से मेडिकल कालेज में दिखाई दे रही है. स्वास्थ्य विभाग इस समस्या से निजात पाने, चूहों को जिंदा या मुर्दा पकड़ने के लिए साल 2022 से 10 लाख रुपये का टेंडर निकाला था.
इसके बाद रायपुर की कंपनी ने चूहों को पकड़ने का ठेका लिया. तब से कंपनी के कर्मचारी चूहो को पकड़ने में लगे हुए हैं. साल 2022 से इन चूहों को पकड़ने में अब तक 30 लाख रुपये खर्च हो चुके हैं. कंपनी ने अभी तक 4 हजार से अधिक चूहों को पकड़ा भी है, लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है. ये आतंकी चूहे आज भी मेडिकल प्रबंधन और मरीजो के लिए सिर का दर्द बने हुए हैं. बता दें, हॉस्पिटल में तैनात डॉक्टरों और स्टाफ नर्सों को बाकायदा एक हेल्पलाइन नंबर भी दिया गया है. इस फोन नंबर पर वे चूहों को देखते ही हेल्पलाइन पर फोन कर सकते हैं. बताया जाता है कि जितने चूहों को मारा या पकड़ा गया है, उतने ही चूहे वार्डों में आतंक मचाये हुए हैं.
मामले को लेकर मेडिकल कॉलेज के अधीक्षक अनुरूप साहू ने कहा कि चूहों की समस्या अभी बनी हुई है. उन्हें पकड़ने के लिए कंपनी को टेंडर दिया गया है. फिलहाल, उनकी वजह से कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ है. कंपनी के कर्मचारी लगातार चूहों को पकड़ रही है. फिलहाल, चूहों के आतंक की स्थिति नियंत्रण में है. हम इस पर और भी कार्रवाई कर रहे हैं. ताकि, चूहे ज्यादा आंतक न मचा सकें.