गिरिश गुप्ता गरियाबंद:- राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के संविदा अधिकारी-कर्मचारी अपनी लंबित मांगों को लेकर पिछले 23 दिनों से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर डटे हुए हैं। लेकिन सरकार की खामोशी से नाराज होकर मंगलवार को उन्होंने आंदोलन को और तेज करते हुए जल सत्याग्रह का सहारा लिया।

मंगलवार दोपहर गरियाबंद जिला मुख्यालय स्थित चिन्ह तालाब में जिलेभर से पहुंचे एनएचएम पदाधिकारी और कर्मचारियों ने पानी में उतरकर कई घंटे खड़े रहे। इस दौरान उन्होंने नारेबाजी कर अपनी मांगों को शासन-प्रशासन तक पहुंचाने का प्रयास किया। उन्होंने राज्य शासन होश में आए, दमनकारी नीति नहीं चलेगी, दमन के आगे नहीं झुकेंगे, श्याम बिहारी जायसवाल होश में आओ जैसे नारे लगाए। कर्मचारियों का कहना है कि वे लंबे समय से सेवा शर्तों में सुधार, नियमितीकरण, वेतनमान और अन्य सुविधाओं की मांग कर रहे हैं, लेकिन 23 दिन बीत जाने के बाद भी सरकार की ओर से कोई ठोस आश्वासन नहीं दिया गया।

जल सत्याग्रह में शामिल पदाधिकारियों ने चेतावनी दी कि यदि मांगों पर तत्काल पहल नहीं की गई तो आंदोलन और उग्र होगा। उन्होंने कहा कि जनता की सुविधा और मरीजों की सेवा को ध्यान में रखकर अब तक संयम बरता गया, लेकिन सरकार की चुप्पी ने उन्हें कठोर कदम उठाने पर मजबूर कर दिया है।

