मांग
की। छात्रों का कहना था कि लाइब्रेरी बंद होने से उनकी पढ़ाई में गंभीर समस्या हो रही है। एमए सोशियोलॉजी चतुर्थ सेमेस्टर के छात्र शाकिब अनवर ने बताया कि उन्होंने अन्य छात्रों के साथ मिलकर धरना दिया और लाइब्रेरी खोलने की मांग की। इस दौरान छात्रों ने कॉलेज प्रशासन से तुरंत कार्रवाई कर लाइब्रेरी खोलकर बच्चों को बुक्स उपलब्ध कराने की अपील भी की। शाकिब ने बताया कि, “कॉलेज प्रशासन में आपसी तालमेल की कमी है, जहां सभी एक-दूसरे पर आरोप लगाकर जिम्मेदारी से बचने का प्रयास कर रहे है। प्राचार्य, शिक्षकों और लाइब्रेरी प्रभारी के बीच विवाद के चलते अब तक कोई ठोस निर्णय नहीं लिया जा सका है।
प्रभार
नहीं दिया गया है। इसलिए समिति या लाइब्रेरी के संबंध में उन्हें जानकारी नहीं है। छात्रों ने कुछ दिनों पहले कहा था कि लाइब्रेरी है, उसे खुलवाने की पहल करें। एक सामान्य व्यवस्था के तहत बच्चों के अध्यापन की व्यवस्था कर दी है। बुक लिफ्टर की पोस्टिंग जनभागीदारी से हुई थी, उसे मान्य कर दिया और एक कर्मचारी वहां नियुक्त कर दिया गया। किंतु लाइब्रेरी नहीं खोली गई, जिनके प्रभार में लाइब्रेरी थी, उसे बुलाकर उसे नोटिस दिया गया कि आपने लाइब्रेरी क्यों नहीं खोली। आज बच्चों के धरना प्रदर्शन के बाद भी उन्हें एक शो काज नोटिस दिया गया कि आप तत्काल जवाब दीजिए।