खैरागढ़ । CG NEWS:नगर पालिका की राजनीति में शनिवार को बड़ा उलटफेर देखने को मिला। कांग्रेस संगठन और पार्षदों की बैठक में नपा नेता प्रतिपक्ष दीपक देवांगन को तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया और उनकी जगह वार्ड क्रमांक 20 के पार्षद दिलीप लहरे को नया नेता प्रतिपक्ष नियुक्त कर दिया गया। इस अप्रत्याशित निर्णय ने नगर ही नहीं बल्कि पूरे जिले की राजनीति में हलचल मचा दी है।

कांग्रेस शहर अध्यक्ष भीखमचंद छाजेड़ ने जारी पत्र में साफ किया कि दीपक देवांगन संगठन व पार्षदों के साथ तालमेल नहीं बैठा पाए। कई जनहित कार्यों में सहयोग न करने और शहरी क्षेत्र में पार्टी को नुकसान पहुँचने की आशंका के चलते उन्हें पद से हटाया गया है।
विधायक यशोदा वर्मा ने जताई नाराजगी
लेकिन इस फैसले पर कांग्रेस विधायक यशोदा वर्मा ने कड़ा ऐतराज जताया है। उन्होंने साफ कहा कि उनकी सहमति और जानकारी के बिना किसी भी बैठक में दीपक देवांगन को हटाना गलत है। विधायक ने संकेत दिए कि वर्तमान में वही नेता प्रतिपक्ष बने रहेंगे।
कांग्रेस की अंदरूनी खींचतान उजागर
इस घटनाक्रम ने कांग्रेस की गुटबाजी को फिर सतह पर ला दिया है। एक ओर संगठन और कुछ पार्षद दिलीप लहरे के समर्थन में खड़े हैं, वहीं दूसरी ओर विधायक का खुला समर्थन दीपक देवांगन को मिला हुआ है। राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि यह विवाद आने वाले दिनों में कांग्रेस की आंतरिक राजनीति को गहराई से प्रभावित कर सकता है।
देवांगन ने संगठन पर लगाए आरोप
दीपक देवांगन ने कहा— “मुझे बिना किसी पूर्व सूचना के पद से हटा दिया गया। सोशल मीडिया के जरिए जानकारी मिली। मैंने जब पार्षदों से पूछा तो उन्हें भी कुछ पता नहीं था। मैं लगातार पानी, बिजली, सड़क और नाली जैसी समस्याओं को उठा रहा हूं और जनता के बीच हूं। विधायक का करीबी होने की वजह से संगठन के कुछ लोगों ने मुझे निशाना बनाया है, क्योंकि विधायक और संगठन के बीच काफी समय से मतभेद चल रहा है।”
‘मिशन संडे’ बना असली वजह?
सियासी हलचल के बीच चर्चा यह भी है कि कांग्रेस के भीतर चल रहा ‘मिशन संडे’ इस पूरे विवाद की असली जड़ है। बताया जा रहा है कि विधायक यशोदा वर्मा के संरक्षण में बनी मिशन संडे टीम के सक्रिय सदस्य रहे दीपक देवांगन को संगठन का एक गुट शुरू से ही निशाने पर रखे हुए था। मिशन संडे के चलते कई पदाधिकारियों की छवि धूमिल होने का खतरा मंडराने लगा था। यही कारण माना जा रहा है कि अचानक देवांगन की कुर्सी छीन ली गई।
जिले में गर्माया सियासी माहौल
दीपक देवांगन को अचानक हटाए जाने के बाद नगर ही नहीं, पूरे जिले में सियासी बाजार गर्म है। चौराहों से लेकर सोशल मीडिया तक, हर जगह यही चर्चा है कि कांग्रेस के भीतर आखिर किसके इशारे पर यह निर्णय हुआ और आने वाले समय में इसका असर पार्टी की जमीनी राजनीति पर कैसा पड़ेगा।


