Raipur। रावतपुरा मेडिकल कालेज में चल रहे भर्राशाही का खुलासा होने के बाद प्रदेश सारे मेडिकल कालेज वाले थर्रा गए हैं। बताया जाता है कि इन लोगों ने सरकार व्दारा निर्धारित फीस में मेंटनेंस, स्पोर्ट्स, लेबोटरीज, प्रेक्टिकल के खर्चे जोडक़र अधिक फीस लेते थे। जबकि सरकार व्दारा निर्धारित फीस में ये कुछ उस फीस में शामिल रहता है। लेकिन निजी मेडिकल प्रबंधन ने अपने रसूख औऱ राजनीतिक प्रभाव के चलते सरकार की आंखों में धूल झोंककर अभी भी निर्धािरत फीस से 50 से सौ गुना अधिक की वसूली कर रहे है। जबकि रसीद सरकार व्दारा निर्धारित फीस का ही दे रहे है। इस तरह के मामले आए तो बहुत है पर लोग अपने बच्चे के भविष्य को लेकर शिकायत के पचड़े में नहीं फंसना चाह रहे है। हर सेमस्टर के 2-3 लाख तक लिए जा रहे है। साल में चार सेमिस्टर होने है तो समझ लिजिए एमबीबीएस पढ़ाने वाले परिवार पर पांच साल गाज गिरता रहेगा और परिवार वाले ऊफ तक नहीं कर सकेंगे। ऐसे मामले में कोर्ट का तरह सरकार को संज्ञान लेकर सभी निजी मेडिकल कालेजों की जांच करनी ताकि नए सत्र एमबीबीएस में प्रवेश लेने वालों को ज्ञात रहे कि बच्चे के एमबीबीएस में एडमिशन के लिए कितना धन जुगाडऩा है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक प्रदेश में एमबीबीएस की डिग्री देने के लिए निर्धािरत फीस से सौ से दो सौ गुना रिश्वत लेने का खुलासा होने के बाद सरकार ने सख्त कदम उठाते हुए आरोपियों के खिलाफ अपराध दर्ज करने के साथ रावतपुरा मेडिकल कालेज के 150 सीटों क रद्द् कर दिया है। नेशनल मेडिकल कमीशन ने रिश्वत कांड में फंसे रावतपुरा मेडिकल कॉलेज की मान्यता रद्द कर दी है। इसके साथ ही प्रदेश में निजी मेडिकल कॉलेज की 150 सीटें कम हो जाएंगी। अब तक प्रदेश में 700 मेडिकल सीट थीं, जो घटकर 550 हो जाएंगी। हालांकि प्रदेश के अन्य निजी कॉलेजों को भी अब तक मान्यता नहीं मिली है। सिर्फ शासकीय मेडिकल कॉलेजों को नेशनल मेडिकल कमीशन ने नए सत्र 2025-26 के लिए मान्यता दी है। जिसके बाद प्रदेश के 10 शासकीय मेडिकल कॉलेज रूक्चक्चस् की करीब 1,430 सीटों पर एडमिशन दे पाएंगे।
एनएमसी ने 10 में किसी भी शासकीय मेडिकल कॉलेज की सीटों में इजाफा नहीं किया है। हालांकि चिकित्सा शिक्षा संचालनालय की ओर से कहा गया है कि, किसी मेडिकल कॉलेज ने सीटें बढ़ाने के लिए आवेदन भी नहीं किया था। हालांकि सिम्स बिलासपुर की 30 सीटें घटाई जरूर गई है। रायपुर के पं. जवाहर लाल नेहरू स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय की बात करें, तो यहां पिछले सत्र में स्नातक में सीटें 150 से बढ़ाकर 200 की गई थीं। फिलहाल यहां 230 सीट हैं।
हालांकि प्रदेश के दो निजी मेडिकल कॉलेजों ने सीटें बढ़ाने का आवेदन दिया है। एनएमसी का निरीक्षण भी कॉलेजों में पूरा हो चुका है। ऐसे में उम्मीद है कि इन कॉलेजों में सीटें बढ़ सकती हैं।
ऑल इंडिया कोटे में प्रवेश के लिए दिल्ली से 21 जुलाई से काउंसलिंग शुरू होगी। वहीं, स्टेट कोटे से काउंसलिंग 30 जुलाई से 6 अगस्त तक चलेगी। हालांकि, अभी इस संबंध में छत्तीसगढ़ शिक्षण संचालनालय की ओर से शेड्यूल जारी होना अभी बाकी है। सितंबर में नया सेशन शुरू हो जाएगा। एडमिशन की लास्ट डेट 3 अक्टूबर होगी। इस बार चार राउंड की काउंसलिंग होनी है।
हालांकि, इन सभी कॉलेजों को सशर्त मान्यता दी है। दरअसल, प्रदेश का कोई भी कॉलेज हृरूष्ट के टेस्टिंग नॉर्म्स और स्टैंडर्ड पर खरा नहीं उतरा है। कई कमियां है। ऐसे में हृरूष्ट ने कहा कि, सभी कॉलेजों की 4 महीने बाद फिर से समीक्षा की जाएगी।इन केस दिए गए चार महीनों समस्या नहीं सुधरी, तो हृरूष्ट इन कॉलेजों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई शुरू करेगा। हृरूष्ट ने हर कॉलेज को उनकी कमियां गिनाई है। उसे दूर करने को कहा है।

