दंतेवाड़ा। छत्तीसगढ़ सरकार के कृषि एवं आदिवासी विकास मंत्री रामविचार नेताम ने शुक्रवार को दंतेवाड़ा जिला कार्यालय सभागार में आयोजित उच्चस्तरीय बैठक में दंतेवाड़ा, बीजापुर और सुकमा जिलों के विभागीय कार्यों की समीक्षा की। बैठक में उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं का क्रियान्वयन शत-प्रतिशत और गुणवत्तापूर्ण ढंग से सुनिश्चित किया जाए, जिससे योजनाओं का लाभ वास्तविक हितग्राहियों तक समयबद्ध रूप से पहुंचे।
आश्रम-छात्रावासों के संचालन में लापरवाही बर्दाश्त नहीं
आदिवासी विकास विभाग की समीक्षा के दौरान मंत्री नेताम ने कहा कि छात्रावासों और आश्रमों में रह रहे बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य और समग्र विकास की जिम्मेदारी अधिकारियों की प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्होंने सभी सहायक आयुक्तों को निर्देशित किया कि वे आश्रमों का आकस्मिक निरीक्षण कर रिपोर्ट कलेक्टर को सौंपें। मंत्री ने दो टूक कहा कि जो अधीक्षक आश्रमों का संचालन ठीक ढंग से नहीं कर रहे, उन्हें तत्काल हटाया जाए। मंत्री ने आश्रमों में बिजली, पेयजल, शौचालय, सुरक्षा, स्वच्छता और पौधारोपण जैसी मूलभूत सुविधाओं की अनिवार्यता पर विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा कि सभी सामग्री की खरीदी जेम पोर्टल के माध्यम से होनी चाहिए, खुले बाजार से कोई खरीद ना की जाए, ताकि पारदर्शिता बनी रहे। उन्होंने निर्माण कार्यों की शीघ्रता से पूर्णता और शासन की राशि के समुचित उपयोग पर भी बल दिया।
छात्रावासों की स्थिति: आंकड़ों के आईने में
बैठक में तीनों जिलों के सहायक आयुक्तों ने अपने-अपने जिलों में संचालित छात्रावासों की अद्यतन स्थिति मंत्री के समक्ष प्रस्तुत की।
दंतेवाड़ा जिले में 70 आश्रमों में 6340 स्वीकृत सीटों के विरुद्ध 5950 छात्र निवासरत हैं।
प्री-मैट्रिक छात्रावास: 38 | सीटें: 4185 | छात्र: 3331
पोस्ट-मैट्रिक छात्रावास: 20 | सीटें: 2200 | छात्र: 2615
सुकमा जिले में 95 आश्रमों में 8355 सीटों में से 8108 छात्र प्रवेशित हैं।
प्री-मैट्रिक: 33 | सीटें: 2295 | छात्र: 2720
पोस्ट-मैट्रिक: 13 | सीटें: 650 | छात्र: 1200
बीजापुर जिले में 137 आश्रमों में 11600 सीटों के विरुद्ध 10289 छात्र रह रहे हैं।
प्री-मैट्रिक: 42 | सीटें: 3335 | छात्र: 2936
पोस्ट-मैट्रिक: 10 | सीटें: 500 | छात्र: 513
इन आंकड़ों से स्पष्ट होता है कि कई छात्रावासों में स्वीकृत सीटों की तुलना में अधिक छात्र रह रहे हैं, जिसे लेकर मंत्री ने अधीक्षकों और अधिकारियों को चेतावनी देते हुए व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के निर्देश दिए।
जैविक खेती और मिलेट्स को बढ़ावा देने की अपील
कृषि विभाग की समीक्षा के दौरान मंत्री नेताम ने खरीफ सीजन की तैयारियों की गहन समीक्षा की। उन्होंने कोदो-कुटकी, मक्का और अन्य मिलेट फसलों को बढ़ावा देने, जैविक खेती को प्रोत्साहित करने और किसानों को उन्नत कृषि तकनीकों की जानकारी देने के लिए जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिए। मंत्री ने कहा कि खाद और बीज का वितरण समय पर और पारदर्शी ढंग से किया जाए ताकि अंतिम छोर के किसान को भी योजनाओं का लाभ मिल सके।
उन्होंने तीनों जिलों के उप संचालकों से बीज भंडारण, उर्वरक वितरण, खरीफ 2025 क्षेत्राच्छादन की स्थिति की जानकारी ली। साथ ही, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की प्रगति की भी समीक्षा की। उन्होंने रासायनिक उर्वरकों के सीमित उपयोग और जैविक खादों के प्रयोग को बढ़ाने की बात कही, ताकि मृदा की सेहत को संरक्षित किया जा सके। इसके अलावा, उद्यानिकी फसलों जैसे मुनगा, ऑयल पाम, मसाले और पारंपरिक फसलें के माध्यम से युवाओं को रोजगार व उद्यमिता से जोड़ने पर भी बल दिया गया।
तकनीकी प्रशिक्षण और समय पर जानकारी की जरूरत
मंत्री नेताम ने अधिकारियों से कहा कि किसानों को योजनाओं की जानकारी समय पर दी जाए और उन्हें तकनीकी सहायता उपलब्ध कराई जाए, जिससे उत्पादन क्षमता और किसानों की आय दोनों में वृद्धि हो सके। उन्होंने कहा कि खेत स्तर पर कार्यरत अमले की भूमिका बेहद अहम है और उनकी सक्रिय भागीदारी से ही योजनाओं का प्रभाव जमीन पर दिखाई देगा। बैठक में अध्यक्ष नंदलाल मुड़ामी, राजेश पात्रे, आर के बर्मन सहित तीनों जिलों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। मंत्री ने सभी अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे दुर्गम क्षेत्रों में भी योजनाओं की प्रभावी पहुंच सुनिश्चित करें और नियमित फील्ड विजिट करते रहें।

