
चमोली जिले में एवलांच के बाद ऋषिगंगा और फिर धौलीगंगा पर बने हाइड्रो प्रोजेक्ट का बांध टूटने की वजह से सभी सहायक नदियों में बाढ़ का खतरा बना हुआ है। राज्य सरकार ने भी चमोली से लेकर हरिद्वार तक अलर्ट जारी कर दिया है।
बताया जा रहा कि वहां पर दो प्रोजेक्ट चल रहे थे और जब यह घटना हुई तो दोनों प्रोजेक्ट पर काफी संख्या में मजदूर काम कर रहे थे। पानी की बहाव में मजदूरों की बहने की भी खबर आ रही है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत लगातार इस घटनाक्रम की निगरानी कर रहें है।
मिली जानकारी के अनुसार चमोली में ऋषिगंगा नदी पर रैणी गांव में निर्माणाधीन 24 मेगावाट के हाइड्रो प्रोजेक्ट का बैराज टूट गया। जिसकी वजह से मलबे और पानी का तेज बहाव धौलीगंगा की ओर बढ़ा। बढ़ाव इतना तेज था कि रैणी से लगभग 10 किमी दूर तपोवन में धौलीगंगा नदी पर निर्माणाधीन 520 मेगावाट की विद्युत परियोजना का बैराज भी टूट गया।
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी रिद्धम अग्रवाल के ने बताया कि सुबह पहाड़ से भारी मात्रा में मलबा, हिमखंड टूटकर आने से इन हाइड्रो प्रोजेक्ट के बैराज क्षतिग्रस्त हुए।उ उन्होंने बताया कि बाढ़ के खतरे को देखते हुए तपोवन से लेकर हरिद्वार तक के सभी जिलों में अलर्ट जारी करने के साथ ही गंगा और उसकी सहायक नदियों के किनारे के रास्ते बंद कर दिए गए हैं। गंगा के किनारे के किनारे लगे सभी सभी कैंपों को खाली करने का आदेश दे दिया गया है।