गोवा की मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर का रविवार को निधन हो गया, वो कैंसर से पीड़ित थे। पर्रिकर को उनकी सादगी ईमानदारी और सरल भाव भंगिमा के लिए जाना जाता था। उनकी सादगी का आलम यह था कि वह मुख्यमंत्री पद पर रहने के दौरान अपने ऑफिस स्कूटी से जाते थे और उन्हें स्कूटी वाला मुख्यमंत्री कहा जाता था।
हालांकि इस समय वह कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं, लेकिन उनके काम की जीविटता इस कदर है कि वह नाक में नली लगाकर दफ्तर जाते हैं और लोगों से मिलते भी हैं।
13 दिसंबर 1955 को जन्मे पर्रिकर ने 1978 में आईआईटी बॉम्बे से मेटलर्जिकल इंजिनियरिंग में ग्रैजुएशन किया। वह किसी आईआईटी से ग्रैजुएशन की डिग्री हासिल करने के बाद देश के किसी राज्य के मुख्यमंत्री बनने वाले पहले शख्स थे। पर्रिकर पहली बार 1994 में पणजी विधानसभा सीट से निर्वाचित हुए थे। इसके बाद वह लगातार चार बार इस सीट से जीतते रहे। इसके पहले गोवा की सियासत में किसी भी नेता ने यह उपलब्धि नहीं हासिल की थी।
उनके निधन पर छत्तीसगढ़ cm भुपेश बघेल ने दुख जताया है –
गोवा के मुख्यमंत्री के पद पर रहे मनोहर पर्रिकर 14 मार्च 2017 से इस पद पर हैं. इससे पहले भी वह 2000 से 2005 तक और फिर 2012 से 2014 तक गोवा के मुख्यमंत्री रहे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें केंद्र में बुलाया तो उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देकर रक्षा मंत्री का पदभार ग्रहण किया।
पर्रिकर पणजी में स्थानीय बाजारों से खरीदारी के लिए स्कूटर का इस्तेमाल करते थे. यहां तक कि पर्रिकर को आम आदमी की तरह कतार में खड़े हुए भी देखा गया। एक बार मनोहर पर्रिकर पुणे में एक शादी के कार्यक्रम में कतार में खड़े नजर आए थे।
अपने सादगी के लिए मशहूर मनोहर पर्रिकर मोदी सरकार में रक्षा मंत्री भी थे. वह पर्रिकर ही थे जिनके रक्षा मंत्री रहते भारत ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में सर्जिकल स्ट्राइक कर पाकिस्तान को सबक सिखाया था.
पर्रिकर देश के पहले ऐसे भारतीय मुख्यमंत्री हैं, जिन्होंने आईआईटी से स्नातक किया हुआ है. उन्होंने 1978 में आईआईटी मुंबई से स्नातक की डिग्री हासिल की. मनोहर पर्रिकर का जन्म साल 1955 में गोवा के मापुसा गांव में हुआ।
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की ओर से पर्रिकर को 1994 में गोवा की पणजी सीट से विधानसभा चुनाव लड़ने का मौका मिला और उन्हें इसमें जीत भी मिली. 24 अक्टूबर, 2000 में गोवा में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने जीत हासिल करते हुए सत्ता तक पहुंच बना ली और पर्रिकर को मुख्यमंत्री बनाया गया।
मनोहर पर्रिकर 2000 से 2005, 2012 से 2014 और 2017 से अक्टूबर 2018 तक गोवा के मुख्यमंत्री थे. वह उत्तर प्रदेश से राज्यसभा के सदस्य भी रह चुके थे, लेकिन 2017 में गोवा का सीएम बनने के बाद उन्होंने सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था।
2014 में केंद्र में मोदी सरकार में रक्षा मंत्री बनने के लिए नवंबर, 2014 में इस्तीफा दे दिया. हालांकि वह रक्षा मंत्री के रूप में ज्यादा समय तक पद पर नहीं रहे क्योंकि खराब तबीयत का हवाला देते हुए गोवा लौट गए और फिर से मुख्यमंत्री बन गए।
हालांकि इसके बाद वह कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं और अमेरिका में लंबे समय तक इलाज कराने के बाद वह स्वदेश लौटे और जोरदार जिजिविषा दिखाते हुए पिछले साल विधानसभा में बजट भी पेश किया था।