राशिफल - अध्यात्म

सबसे अमीर हो कर भी गरीब है तिरुपति बालाजी, जानिए कैसे

सबसे अमीर हो कर भी गरीब है तिरुपति बालाजी, अगर धन के आधार पर देखा जाए तो वर्तमान में सबसे धनवान भगवान बालाजी हैं।

एक आंकड़े के अनुसार बालाजी मंद‌िर ट्रस्ट के खजाने में 50 हजार करोड़ से अध‌िक की संपत्त‌ि है लेक‌िन इतने धनवान होने पर भी बालाजी सभी देवताओं से गरीब ही हैं।

धनवान होकर भी गरीब हैं बालाजी

आप सोच रहे होंगे क‌ि इतना पैसा होने पर भी भगवान गरीब कैसे हो सकते हैं और दूसरा सवाल यह भी आपके हृदय में उठ सकता है क‌ि जो सबकी मनोकामना पूरी करता है वह खुद कैसे गरीब हो सकता है।

लेक‌िन आपको बता दें कि त‌िरुपत‌ि बालाजी के बारे में ऐसी प्राचीन कथा है ज‌िसके अनुसार बालाजी कल‌ियुग के अंत तक कर्ज में रहेंगे।

आपको बता दें भगवान बालाजी के ऊपर जो कर्ज है उसी कर्ज को चुकाने के ल‌िए यहां भक्त सोना और बहुमूल्य धातु एवं धन दान करते हैं।

शास्त्रों के अनुसार कर्ज में डूबे व्यक्त‌ि के पास क‌ितना भी धन हो वह गरीब ही होता है। इस न‌ियम के अनुसार यह माना जाता है क‌ि धनवान होकर भी गरीब हैं बालाजी।

जानिए क्यू गरीब है बालाजी

कथा के अनुसार एक बार महर्ष‌ि भृगु बैकुंठ पधारे और आते ही शेष शैय्या पर योगन‌िद्रा में लेटे भगवान व‌िष्णु की छाती पर एक लात मारी। भगवान व‌िष्णु ने तुरंत भृगु के चरण पकड़ ल‌िए और पूछने लगे क‌ि ऋष‌िवर पैर में चोट तो नहीं लगी। भगवान व‌िष्णु का इतना कहना था क‌ि भृगु ऋष‌ि ने दोनों हाथ जोड़ ल‌िए और कहने लगे प्रभु आप ही सबसे सहनशील देवता हैं इसल‌िए यज्ञ भाग के प्रमुख अध‌िकारी आप ही हैं। लेक‌िन देवी लक्ष्मी को भृगु ऋष‌ि का यह व्यवहार पसंद नहीं आया और वह व‌िष्णु जी से नाराज हो गई।

इस बात से थी नाराजगी

बता दें कि नाराजगी इस बात से थी क‌ि भगवान ने भृगु ऋष‌ि को दंड क्यों नहीं द‌िया। नाराजगी में देवी लक्ष्मी बैकुंठ छोड़कर चली गई फिर भगवान व‌िष्णु ने देवी लक्ष्मी को ढूंढना शुरु क‌िया तो पता चला क‌ि देवी ने पृथ्वी पर पद्मावती नाम की कन्या के रुप में जन्म ल‌िया है।

धन लिया था कर्ज

भगवान व‌िष्णु ने भी तब अपना रुप बदला और पहुंच गए पद्मावती के पास। भगवान ने पद्मावती के सामने व‌िवाह का प्रस्ताव रखा ज‌िसे देवी ने स्वीकार कर ल‌िया लेक‌िन सामने यह सवाल आया क‌ि व‌िवाह के ल‌िए धन कहां से आएगा और इस तरह धनवान होते जा रहे हैं बाला व‌िष्णु जी ने समस्या का निवारण न‌िकालने के ल‌िए भगवान श‌िव और ब्रह्मा जी को साक्षी रखकर कुबेर से काफी धन कर्ज ल‌िया।

दिया था वचन

इस कर्ज से भगवान व‌िष्णु के वेंकटेश रुप और देवी लक्ष्मी के अंश पद्मवती ने व‌िवाह क‌िया।कुबेर से कर्ज लेते समय भगवान ने वचन द‌िया था क‌ि कल‌ियुग के अंत तक वह अपना सारा कर्ज चुका देंगे। कर्ज समाप्त होने तक वह सूद चुकाते रहेंगे।

बता दें कि भगवान के कर्ज में डूबे होने की इस मान्यता के कारण बड़ी मात्रा में भक्त धन-दौलत भेंट करते हैं ताक‌ि भगवान कर्ज मुक्त हो जाएं। आपको बता दें कि आंकड़ों के अनुसार अब तक भक्तों से म‌िले दान की बदौलत आज यह मंद‌िर करीब 50 हजार करोड़ की संपत्त‌ि का माल‌िक बन चुका है।

(यह जानकारी स्रोत पर आधारित है)

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