Dhirendra Krishna Shastri : वृंदावन : बागेश्वर धाम के पीठाधीश पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की 10 दिवसीय ‘सनातन हिंदू एकता पदयात्रा’ रविवार को वृंदावन में अपने अंतिम दिन भव्य रूप से संपन्न हुई। 7 से 16 नवंबर तक चली इस पदयात्रा ने दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के अनेक शहरों और गांवों को छुआ, जिसमें लाखों श्रद्धालुओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। पदयात्रा में सभी वर्गों के लोग शामिल हुए, अमीर, गरीब, साधु और आम नागरिक जो सनातन धर्म और सामाजिक एकता का संदेश लेकर चल रहे थे।
Dhirendra Krishna Shastri : पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने अंतिम दिन अपने संबोधन में कहा कि इस यात्रा ने सनातन हिंदू एकता का संदेश देश और दुनिया भर में फैलाया है। उन्होंने बताया कि पदयात्रा केवल धार्मिक आयोजन नहीं रही, बल्कि सामाजिक समरसता और जनसमर्थन का जीवंत उदाहरण बनी। उन्होंने यह भी कहा कि ब्रज भूमि भक्ति और प्रेम की भूमि है और मांस-मदिरा बंद होने जैसी पहल इसके आध्यात्मिक महत्व को और बढ़ाती है।
Dhirendra Krishna Shastri : यात्रा के दौरान दिल्ली में पहले दिन 15 किलोमीटर का मार्ग तय किया गया। इसके बाद हरियाणा में लगभग 82 किलोमीटर पैदल यात्रा हुई, जिसमें लोगों ने पुष्पवर्षा और भंडारे कर श्रद्धा और उत्साह का परिचय दिया। स्वास्थ्य ठीक न होने के बावजूद बागेश्वर महाराज लगातार पदयात्रा में शामिल रहे, जिससे श्रद्धालुओं का उत्साह और बढ़ गया। कोसी कला में स्थानीय लोगों ने रात्रि विश्राम के दौरान ऐतिहासिक स्वागत किया। नौंवे दिन बारिश और बुखार के बावजूद महाराज ने यात्रा जारी रखी, और दसवें दिन वृंदावन में लाखों लोगों ने जयकारों के साथ उनका स्वागत किया।
Dhirendra Krishna Shastri : पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने इस 10 दिवसीय यात्रा में सात प्रमुख संकल्पों पर बल दिया, भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने का संकल्प, हिंदू समाज में एकता और संगठन, गौ-संरक्षण और धर्म रक्षा, सनातन परंपराओं का उत्थान, लव-जिहाद और धर्मांतरण पर जागरूकता, नशा-मुक्त समाज, और युवाओं को धर्म से जोड़ने का संकल्प। पदयात्रा ने यह संदेश दिया कि सनातन धर्म की शक्ति और सामाजिक एकता से ही समाज और देश की असली प्रगति संभव है।

