Bijapur. बीजापुर। बीजापुर जिला अस्पताल में नेत्र (आंख) ऑपरेशन के बाद कुछ मरीजों में जटिलता सामने आने के मामले ने स्वास्थ्य विभाग को सतर्क कर दिया है। इस घटना की गंभीरता को देखते हुए आयुक्त सह संचालक, स्वास्थ्य सेवाएं डॉ. प्रियंका शुक्ला ने तत्काल कार्रवाई करते हुए तीन सदस्यीय जांच समिति का गठन किया है। समिति को तीन दिनों के भीतर पूरी जांच रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए गए हैं। जांच समिति में राज्य कार्यक्रम अधिकारी डॉ. निधि अत्रिवाल, संयुक्त संचालक स्वास्थ्य सेवाएं बस्तर संभाग डॉ. महेश साण्डिया और जिला अस्पताल जगदलपुर की नेत्र सर्जन डॉ. सरिता थॉमस को शामिल किया गया है। यह टीम बीजापुर पहुंचकर नेत्र ऑपरेशन में आई जटिलताओं के कारणों की बारीकी से जांच करेगी और यह भी पता लगाएगी कि ऐसी स्थिति दोबारा न हो इसके लिए क्या सुधारात्मक कदम उठाए जाने चाहिए।
सूत्रों के अनुसार, बीजापुर जिला अस्पताल में हाल ही में नेत्र ऑपरेशन का शिविर आयोजित किया गया था। ऑपरेशन के बाद कुछ मरीजों की आंखों में संक्रमण और सूजन जैसी समस्याएं देखने को मिलीं। स्थिति की जानकारी मिलते ही स्वास्थ्य विभाग ने तत्काल संज्ञान लिया और 9 मरीजों को रायपुर के डॉ. भीमराव अंबेडकर स्मृति चिकित्सालय (मेकाहारा) में भर्ती कराया गया। सभी मरीजों का उपचार विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम द्वारा किया जा रहा है। आयुक्त डॉ. प्रियंका शुक्ला ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि मरीजों को किसी भी प्रकार की परेशानी या संसाधनों की कमी न हो। उन्होंने कहा कि मरीजों के इलाज से संबंधित सभी आवश्यक दवाइयां और उपकरण तत्काल उपलब्ध कराए जाएं। साथ ही, इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए आवश्यक प्रोटोकॉल को कड़ाई से लागू किया जाए।
स्वास्थ्य विभाग ने यह भी सुनिश्चित किया है कि जांच समिति बीजापुर अस्पताल पहुंचकर न केवल ऑपरेशन से जुड़े चिकित्सकीय तथ्यों की जांच करे, बल्कि ऑपरेशन के दौरान अपनाई गई प्रक्रियाओं, उपकरणों की गुणवत्ता, स्टेरिलाइजेशन की स्थिति, और ऑपरेशन टीम की तैयारी से संबंधित सभी पहलुओं की भी विस्तृत रिपोर्ट तैयार करे। अधिकारियों के अनुसार, समिति की रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई तय की जाएगी। यदि किसी प्रकार की लापरवाही या मानक प्रक्रियाओं का उल्लंघन पाया गया तो संबंधितों पर कठोर प्रशासनिक कार्रवाई की जाएगी। इस घटना के बाद स्वास्थ्य विभाग ने सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में नेत्र शिविरों और ऑपरेशनों के दौरान स्टेरिलाइजेशन, औजारों की सफाई, और ऑपरेशन थिएटर की मानक व्यवस्था सुनिश्चित करें। स्थानीय प्रशासन ने मरीजों और उनके परिजनों को भरोसा दिलाया है कि राज्य सरकार मरीजों के इलाज की पूरी जिम्मेदारी ले रही है और उन्हें हरसंभव बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। यह घटना स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता और निगरानी व्यवस्था पर सवाल जरूर उठाती है, लेकिन प्रशासन की त्वरित कार्रवाई से यह साफ है कि सरकार इस मामले में लापरवाही बर्दाश्त नहीं करेगी।

