Punjab State Dear Diwali Bumper Lottery
कहते हैं कि किस्मत कब बदल जाए, कोई नहीं जानता है. ज़िंदगी का अगला मोड़ क्या लेकर आएगा, इसका अंदाज़ा लगाना असंभव है. कुछ ऐसा ही चमत्कार हुआ राजस्थान की राजधानी जयपुर के रहने वाले अमित सेहरा के साथ भी. रोज़मर्रा की ज़िंदगी में सब्ज़ी बेचकर अपने परिवार का पेट पालने वाले अमित ने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि एक दिन उनकी किस्मत इस कदर चमक उठेगी कि वे रातों-रात करोड़पति बन जाएंगे. किस्मत ने ऐसी करवट ली कि आम सब्ज़ी बेचने वाला यह व्यक्ति सीधे करोड़ों की संपत्ति का मालिक बन गया.
किस्मत ने बदली ज़िंदगी – बना करोड़पति
अमित सेहरा, जो राजस्थान के कोटपूतली (Kotputli) के रहने वाले हैं, हाल ही में अपने कुछ दोस्तों के साथ पंजाब घूमने गए थे. वहीं उनके एक मित्र के आग्रह पर उन्होंने पंजाब सरकार की लॉटरी के दो टिकट खरीदे. यह फैसला उनकी ज़िंदगी का सबसे बड़ा मोड़ साबित हुआ. इन दो टिकटों में से एक टिकट ने अमित को 11 करोड़ रुपये का पहला इनाम (जैकपॉट) दिला दिया.
अमित ने बताया कि उन्होंने यह दोनों टिकट खरीदने के लिए अपने दोस्त मुकेश से 1,000 रुपये उधार लिए थे. उस वक्त मज़ाक में उन्होंने कहा था कि ‘अगर मैं लॉटरी जीत गया, तो तुम्हें 1 करोड़ रुपये दूँगा.’ किस्मत ने करवट ली और अमित वाकई करोड़पति बन गए. जीत के बाद उन्होंने कहा कि वे इस धनराशि का उपयोग समझदारी से करेंगे – अपने परिवार के लिए एक अच्छा घर बनाएंगे, बच्चों को बेहतर शिक्षा दिलाएंगे और बाकी रकम सुरक्षित निवेश करेंगे. अमित ने पंजाब सरकार और लॉटरी एजेंसी के प्रति भी धन्यवाद व्यक्त किया, जिन्होंने उनकी ज़िंदगी को नई दिशा दी.
11 करोड़ रुपये की लॉटरी पर कितना टैक्स लगेगा?
भारत में लॉटरी से जीती गई राशि पर टैक्स के नियम बेहद स्पष्ट हैं. आयकर अधिनियम (Income Tax Act) की धारा 115BB और 194B के तहत लॉटरी, गेम शो या किसी अन्य पुरस्कार राशि पर टैक्स लगाया जाता है.
पंजाब लॉटरी बोर्ड, विजेता को राशि देने से पहले ही टीडीएस (TDS) काट लेता है. यानी, इनकम टैक्स की एक बड़ी हिस्सेदारी पहले ही भुगतान कर दी जाती है.
अब अगर हम राजस्थान के कोटपूतली के रहने वाले अमित सेहरा के उदाहरण से समझें, तो उन्होंने 11 करोड़ रुपये की लॉटरी जीती है. इस पर टैक्स की गणना इस प्रकार होगी:
11 करोड़ रुपये पर 30% टैक्स = 3,30,00,000 रुपये
स्वास्थ्य और शिक्षा उपकर (4%) = 13,20,000 रुपये
इस तरह कुल टैक्स 3,43,20,000 रुपये बनता है.
लेकिन क्योंकि अमित की कुल आय 11 करोड़ रुपये से अधिक है, इसलिए उन पर सर्चार्ज (Surcharge) भी लागू होगा. 5 करोड़ रुपये से अधिक की आय पर 37% सर्चार्ज लगता है.
सर्चार्ज = 3,43,20,000 रुपये का 37% = 1,26,98,400 रुपये
कुल टैक्स = 3,43,20,000 रुपये + 1,26,98,400 रुपये = 4,70,18,400 रुपये
यानि कि अमित को 11 करोड़ रुपये की लॉटरी पर लगभग 4 करोड़ 70 लाख 18 हज़ार 400 रुपये टैक्स के रूप में चुकाने होंगे.
टीडीएस के बाद अमित को कितनी राशि मिलेगी?
लॉटरी ऑफिस विजेता को राशि देने से पहले ही 31.2% टैक्स (30% इनकम टैक्स + 4% सेस) टीडीएस के रूप में काट लेता है. इस हिसाब से 11 करोड़ की लॉटरी पर कुल 3,43,20,000 रुपये की अग्रिम टैक्स कटौती होगी.
यानि कि अमित सेहरा को टैक्स कटने के बाद 7,56,80,000 रुपये (7 करोड़ 56 लाख 80 हजार रुपये) की नेट कैश राशि प्राप्त होगी. हालांकि, बाकी टैक्स की राशि, जैसे कि सर्चार्ज (Surcharge) आदि, उन्हें आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करते समय अलग से चुकानी होगी.
कुल मिलाकर, लॉटरी से भारी रकम जीतने के साथ-साथ टैक्स की बड़ी जिम्मेदारी भी आती है, इसलिए ऐसे मामलों में वित्तीय सलाहकार की मदद लेना हमेशा फायदेमंद रहता है.
क्या अमित के दोस्त मुकेश को भी टैक्स देना होगा?
अमित ने अपने दोस्त मुकेश से 1,000 रुपये उधार लेकर लॉटरी के टिकट खरीदे थे और मज़ाक में वादा किया था कि अगर लॉटरी लग गई तो वे उसे 1 करोड़ रुपये देंगे. अब, अगर अमित सच में यह राशि उपहार (Gift) के रूप में देते हैं, तो इस पर गिफ्ट टैक्स (Gift Tax) के नियम लागू होंगे.
आयकर कानून के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति अपने दोस्त या गैर-परिवार सदस्य को 50,000 रुपये से अधिक का उपहार देता है, तो वह राशि प्राप्तकर्ता की आय मानी जाती है और उस पर आयकर देना पड़ता है. इस स्थिति में, मुकेश को अमित से मिले 1 करोड़ रुपये पर टैक्स देना होगा, क्योंकि यह राशि कर योग्य सीमा 50,000 रुपये से कहीं अधिक है.
यानी यह पूरा 1 करोड़ रुपये मुकेश की ‘अन्य स्रोतों से आय’ (Income from Other Sources) में जोड़ा जाएगा और उस पर उसके टैक्स स्लैब के अनुसार आयकर लगाया जाएगा.
अब क्या करेंगे अमित?
अमित सेहरा ने अपनी जीत पर खुशी जताते हुए कहा कि वे इस रकम को सोच-समझकर और जिम्मेदारी से खर्च करेंगे. उनका पहला लक्ष्य अपने परिवार के लिए एक पक्का घर बनाना है. इसके बाद वे अपने बच्चों की शिक्षा में निवेश करेंगे ताकि उनका भविष्य सुरक्षित रहे. शेष राशि को वे बचत और निवेश के रूप में रखेंगे, ताकि आने वाले समय में किसी आर्थिक परेशानी का सामना न करना पड़े.
अमित की कहानी यह सिखाती है कि किस्मत किसी भी पल बदल सकती है, लेकिन आर्थिक समझदारी और टैक्स नियमों की जानकारी रखना उतना ही जरूरी है.

