स्टारलिंक भारत में 9 अलग-अलग जगहों पर ‘गेटवे अर्थ स्टेशन’ स्थापित करेगी. (Photo : X)
सबको पता है कि एलन मस्क की कंपनी ‘स्टारलिंक’ (Starlink) भारत में अपनी सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस शुरू करने की तैयारी में है. अब इस तैयारी में एक बड़ा कदम उठाया गया है. खबर है कि स्टारलिंक पूरे भारत में 9 ‘गेटवे स्टेशन’ (Gateway Stations) बनाने जा रही है.
ये ‘गेटवे स्टेशन’ क्या होते हैं?
इसे आसान भाषा में समझते हैं. स्टारलिंक आपको इंटरनेट सीधे सैटेलाइट यानी आसमान में घूम रहे उपग्रहों से देता है. लेकिन उन सैटेलाइट्स को भी तो ज़मीन पर मौजूद मेन इंटरनेट नेटवर्क से जुड़ना पड़ता है.
ये ‘गेटवे स्टेशन’ वही काम करते हैं. ये ज़मीन पर लगे बड़े-बड़े एंटीना और कंट्रोल सेंटर होते हैं. ये स्टेशन आसमान में मौजूद स्टारलिंक सैटेलाइट्स से सिग्नल लेते हैं और उन्हें ज़मीन पर बिछे फाइबर ऑप्टिक केबल वाले मेन इंटरनेट से जोड़ते हैं. फिर यहीं से सिग्नल वापस सैटेलाइट को जाता है, जो आपके घर पर लगी छोटी सी छतरी (डिश) तक तेज़ इंटरनेट पहुंचाता है.
तो, आप इन्हें सैटेलाइट और ज़मीन के इंटरनेट के बीच का ‘पुल’ समझ सकते हैं.
इसका क्या मतलब है?
भारत में 9 गेटवे स्टेशन बनाने का मतलब है कि स्टारलिंक अपनी सर्विस लॉन्च करने के बहुत करीब आ गया है. ये स्टेशन देश के अलग-अलग कोनों में लगाए जाएंगे ताकि पूरे भारत में मज़बूत और तेज़ इंटरनेट कवरेज मिल सके.
स्टारलिंक का आना भारत के लिए बड़ी बात हो सकती है, खासकर उन गांवों, पहाड़ों और दूर-दराज़ के इलाकों के लिए, जहाँ अभी तक तेज़ ब्रॉडबैंड इंटरनेट पहुंचाना मुश्किल था. क्योंकि सैटेलाइट इंटरनेट के लिए केबल बिछाने की ज़रूरत नहीं होती.
सरकार से मंज़ूरी मिलते ही ये 9 स्टेशन काम करना शुरू कर देंगे और हो सकता है कि जल्द ही हमें भारत में स्टारलिंक की हाई-स्पीड सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस देखने को मिले.

