Market. मंडी। हिमाचल में संचालित किए जा रहे बिजली के दो प्रोजेक्ट लागत ज्यादा होने के बावजूद अब सरकार की झोली भरने को तैयार हंै। इन दोनों से सरकार को करीब 300 करोड़ रुपए मिलेंगे। इनमेंं जोगिंद्रनगर के चुल्हा हाइड्रो प्रोजेक्ट के संचालन को सुक्खू सरकार ने जैसे ही 185 करोड़ मुहैया करवाए, उसका इफैक्ट यह हुआ कि आठ महीनों में यह प्रोजेक्ट कमाऊ पूत बन गया। प्रोजेक्ट के संचालन से करीब 150 करोड़ की आय अर्जित करने का अनुमान प्रोजेक्ट प्रबंधन ने लगाया है। यहां 300 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन किया गया है। वहीं कड़छम वांगतू की बढ़ी हुई रायल्टी से भी सरकार के खजाने में करोड़ों रुपए आने वाले हैं। सर्वोच्च न्यायालय ने कड़छम-वांगतू परियोजना से रॉयल्टी को लेकर राज्य सरकार के पक्ष में सुनाए फैसले के बाद सीधे ही 150 करोड़ का फायदा
हुआ है।
JSW एनर्जी कंपनी को 1045 मेगावाट क्षमता वाली इस परियोजना से हिमाचल को 12 प्रतिशत के बजाय 18 प्रतिशत रॉयल्टी देनी होगी। इससे प्रदेश सरकार को लगभग 150 करोड़ की अतिरिक्त वार्षिक आय होगी। इसके साथ ही 12 वर्ष पूर्ण कर चुकी अन्य परियोजनाओं के लिए भी यह फैसला मील का पत्थर साबित होगा। इस फैसले से राज्य सरकार के खजाने में प्रति वर्ष 250 करोड़ से अधिक की आय आएगी। सुक्खू सरकार ने बिजली बोर्ड बोर्ड को घाटे से उभारने के लिए जो कवायद शुरू की है, उसी का परिणाम है कि हिमाचल के दो पावर प्रोजेक्ट सरकारी खजाने को भरने के लिए तैयार हैं।

