Kanker. कांकेर। रजत जयंती के अवसर पर कृषि के क्षेत्र में नवाचार की दृष्टि से आधुनिक तकनीक से खेती को सरल, सुरक्षित और लाभकारी बनाने की दिशा में कृषि विभाग भानुप्रतापपुर द्वारा ग्राम रानीडोंगरी में धान की फसल में कृषि ड्रोन तकनीक का सफल प्रदर्शन किया गया। कार्यक्रम के दौरान किसानों को ड्रोन द्वारा फसलों में तरल जैव उर्वरक कीटनाशक खरपतवार नाशक एवं रोगनाशक छिड़काव की प्रक्रिया का प्रत्यक्ष प्रदर्शन कराया गया तथा इसके संचालन से संबंधित तकनीकी पहलुओं की विस्तृत जानकारी भी दी गई।
प्रशिक्षण सह ड्रोन प्रदर्शन कार्यक्रम में उपसंचालक कृषि जितेंद्र सिंह कोमरा ने कृषि में ड्रोन तकनीक के उपयोग और भविष्य की संभावनाओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आधुनिक खेती के युग मे ड्रोन तकनीक से खेती लाभदायक है। ड्रोन तकनीक से कम समय, कम लागत और कम श्रम में अधिक क्षेत्र में छिड़काव संभव है, इससे किसानों को न केवल समय की बचत होगी, बल्कि उत्पादन क्षमता भी बढ़ेगी। कृषि विभाग के वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी महात्मा तरेता ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा खेती में ड्रोन तकनीक आज के समय की मांग है। किसान भाई फसलों में तरल जैव उर्वरक नैनो यूरिया, नैनो डीएपी एवं फसलो में लगने वाले कीट बीमारी नींदानाशक रसायनों का छिड़काव के लिए ड्रोन से स्प्रेयर भविष्य की खेती के लिए अच्छा विकल्प साबित होगा।
ड्रोन प्रदर्शन कार्यक्रम में ग्राम रानीडोंगरी के किसानों ने इस नवाचारपूर्ण तकनीक में विशेष रुचि दिखाई और सक्रिय रूप से प्रशिक्षण तथा ड्रोन से दवा छिड़काव प्रदर्शन में भाग लिया। किसानों ने कहा कि ड्रोन तकनीक से खेती के कार्य अधिक आसान और समयबद्ध होंगे। ड्रोन तकनीक के इस सफल प्रदर्शन ने साबित किया है। फसलों में दवा छिड़काव का जीवांत प्रदर्शन कर खेती किसानी में फसलो में नवाचारों के तहत ड्रोन का समावेश किसानों की कृषि लागत कम करने, आय वृद्धि और कृषि के आधुनिकीकरण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। ड्रोन से दवा कीटनाशक रोगनाशक खरपतवार नाशक छिड़काव करने प्रति एकड़ दस मिनट का समय लगता है तथा प्रति एकड़ दवा छिड़काव का खर्चा पांच सौ तक आता है। ड्रोन प्रदर्शन कार्यक्रम के दौरान ग्राम सरपंच, पटेल, ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी सहित बड़ी संख्या में कृषकगण उपस्थित थे।

