Market. मंडी। मंडी के तीन प्रोजेक्टों को एफसीए ने हरी झंडी दे दी है। एफसीए की मंजूरी के बाद इन प्रोजेक्ट को कानूनी रूप से सिरे चढाया जा सकेगा। मंडी के 96 प्रोजेक्ट अभी भी एफसीए के फेर में फंसे हुए हैं, जबकि गत तीन सालों में ऐसे 30 मामलों में वन संरक्षण अधिनियम के तहत क्लियरेंस केंद्र से मिल पाई है। मंडी के तीन महत्त्वपूर्ण परियोजनाओं को भारत सरकार से अंतिम स्वीकृति स्टेज-दो अप्रूवल प्राप्त हुई है। इनमें लोक निर्माण विभाग जोगिंद्रनगर डिवीजन की भरारू से बनोगी सडक़ निर्माण, कृषि विभाग की उपमंडलीय मृदा संरक्षण अधिकारी कार्यालय भवन निर्माण बगस्याड़ तथा लोक निर्माण विभाग नेरचौक डिवीजन की टांडा-कोहला, टिक्करी, कवाल कोठी, सिद्धकोठी सडक़ वाया बाबा बालकनाथ मंदिर, थापला सडक़ शामिल हैं। मंडी वन वृत्त से संबंधित कुल 96 मामले अभी भी केंद्रीय मंजूरी का इंतजार
कर रहे हैं।
इनमें न्यायिक विभाग के ही नौ मामले हैं। परिवेश पोर्टल-एक के 36 मामले, जबकि परिवेश पोर्टल- दो के 24 मामले लंबित हैं। इसके अलावा 13 मामले निजी परियोजनाओं से संबंधित हैं। इसके अतिरिक्त 24 मामले ऑफलाइन मोड में प्रक्रियाधीन हैं। इनमें स्टेज-एक की स्वीकृति पहले ही दी जा चुकी है और अब अंतिम स्वीकृति स्टेज-दो के लिए कार्रवाई जारी है। बताया जा रहा है कि मंडी प्रशासन इन मामलों में मंजूरी हासिल करने के लिए एक बार फिर से प्रोजेक्ट रिपोर्ट सहित अन्य दस्तावेज एफसीए की मंजूरी के लिए भेज रहा है। एफसीए के फेर में फंसे मामलों की स्थिति डिलिस्ट दर्शाई गई है, उन्हें अपडेट कर शीघ्र पोर्टल पर दोबारा से अपलोड किया जा रहा है। लंबित 96 मामलों में मंजूरी लेने के लिए विभागीय प्रक्रिया भी तेज कर दी है। मंडी डीसी अपूर्व देवगन ने कहा कि जिला में 96 परियोजनाओं में एफसीए मंजूरी ली जा रही है। इन प्रोजेक्ट को लेकर ही समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया और मंजूरी में आ रही दिक्कतों को दूर करने के आदेश दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि मंडी के तीन प्रोजेक्टों को एफसीए की मंजूरी मिल गई है।

