Arunachal Pradesh DA Hike 2025: अरुणाचल प्रदेश सरकार ने राज्य के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को बड़ी राहत दी है. राज्य सरकार ने केंद्र सरकार की तरह ही महंगाई भत्ते (DA) और महंगाई राहत (DR) में 3% की बढ़ोतरी को मंजूरी दे दी है. यह बढ़ोतरी 1 जुलाई, 2025 से प्रभावी होगी. इस फैसले के साथ, कर्मचारियों का DA 55% से बढ़कर 58% हो गया है. मुख्यमंत्री पेमा खांडू (CM Pema Khandu) ने सोशल मीडिया पर घोषणा की है कि इस बढ़ोतरी से अरुणाचल प्रदेश में कार्यरत राज्य सरकार के कर्मचारियों, पेंशनभोगियों और अखिल भारतीय सेवा (AIS) के अधिकारियों को लाभ होगा.
उन्होंने कहा कि इस फैसले से हजारों कर्मचारियों और सेवानिवृत्त कर्मियों (Govt. Employees and Retired Personnel) को सीधा लाभ होगा.
महंगाई से राहत दिलाने का प्रयास
राज्य सरकार ने कहा कि जुलाई से सितंबर 2025 तक के DA/DR का भुगतान नकद में किया जाएगा, जबकि नया DA अक्टूबर के वेतन और पेंशन में शामिल किया जाएगा. इससे यह सुनिश्चित होगा कि कर्मचारियों को समय पर उनका हक मिले.
डीए बढ़ाने (DA Hike) का उद्देश्य कर्मचारियों को महंगाई और बढ़ती जीवन-यापन लागत से राहत प्रदान करना है. यह कदम लगातार बढ़ती कीमतों के बीच कर्मचारियों और पेंशनभोगियों की आय को स्थिर करने में मदद करेगा.
केंद्र सरकार ने भी बढ़ाया है डीए
हाल ही में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने भी केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए डीए में 3% की वृद्धि की है. यह वृद्धि 1 जुलाई, 2025 से लागू होगी, जिससे केंद्र सरकार के कर्मचारियों का डीए 58% हो जाएगा.
केंद्र सरकार कर्मचारियों के वेतन को मुद्रास्फीति (Inflation) के अनुरूप बनाए रखने के लिए वर्ष में दो बार – 1 जनवरी और 1 जुलाई को – डीए में संशोधन करती है। मार्च 2025 में, डीए को भी 53% से बढ़ाकर 55% कर दिया गया था। हालांकि, चूंकि वर्तमान वेतन आयोग का कार्यकाल 31 दिसंबर, 2025 को समाप्त हो रहा है, इसलिए यह अंतिम वृद्धि हो सकती है।
डीए कैसे निर्धारित किया जाता है?
श्रम ब्यूरो (श्रम मंत्रालय) द्वारा जारी औद्योगिक श्रमिकों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI-IW) का उपयोग महंगाई भत्ते की गणना के लिए किया जाता है. यह सूचकांक समय के साथ आम उपभोक्ता वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि को दर्शाता है.
आर्थिक स्थिरता की ओर कदम
केंद्र और राज्य सरकारों की यह संयुक्त पहल आर्थिक स्थिरता और कर्मचारियों की क्रय शक्ति को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है. इससे बढ़ती मुद्रास्फीति के बीच सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को राहत मिलेगी और उनका वित्तीय बोझ कुछ हद तक कम होगा.

