Jashpur. जशपुर। जिले के बगीचा ब्लॉक और पत्थलगांव क्षेत्र में कुत्तों के हमलों ने ग्रामीणों में दहशत फैला दी है। शनिवार सुबह हुई दो अलग-अलग घटनाओं में कुत्तों ने मासूम बच्चों पर हमला कर दिया, जिससे दोनों बच्चे गंभीर रूप से घायल हो गए। स्थानीय ग्रामीणों ने प्रशासन और पुलिस से इस मामले में तत्काल कार्रवाई की मांग की है। कुरुमकेला गांव में सुबह करीब 9 बजे एक पागल कुत्ते ने अचानक दो बच्चों पर हमला कर दिया। बच्चों की चीख-पुकार सुनकर ग्रामीण मौके पर पहुंचे और बच्चों को किसी तरह बचाया। हालांकि, तब तक दोनों बच्चे गंभीर रूप से घायल हो चुके थे। परिजनों ने घायल बच्चों को बगीचा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया। स्वास्थ्य केंद्र में प्राथमिक उपचार के बाद डॉक्टरों ने बच्चों की नाजुक स्थिति को देखते हुए उन्हें अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया।
ग्रामीणों ने स्वास्थ्य केंद्र की व्यवस्थाओं पर सवाल उठाते हुए कहा कि इतने गंभीर मामलों में केवल एक डॉक्टर और एक कम्पाउंडर की मौजूदगी चिंता का विषय है। बीएमओ डॉ. सुनील कुमार लकड़ा ने बताया कि घायलों का उचित इलाज सुनिश्चित किया गया है और डॉक्टरों की टीम लगातार उनकी स्थिति पर नजर रख रही है। उन्होंने ग्रामीणों से क्षेत्र में पागल कुत्तों की मौजूदगी को देखते हुए सतर्क रहने और किसी भी संदिग्ध पशु के संपर्क में आने से बचने की अपील की। पत्थलगांव क्षेत्र के दिवानपुर गांव में भी इसी दिन कुत्तों ने एक बच्चे पर हमला किया। इस घटना में भी बच्चा गंभीर रूप से घायल हुआ। ग्रामीणों ने तत्काल स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र में बच्चे का इलाज करवाया। हालांकि इस घटना ने क्षेत्र में पशु सुरक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की खामियों को उजागर कर दिया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि कुत्तों के लगातार हमलों से बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग खासतौर पर परेशान हैं।
ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि पागल कुत्तों को पकड़ने और उनके काटने के मामलों में तत्काल प्रभाव से कार्रवाई की जाए। स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि ऐसे मामलों में तुरंत रैबीज टीका और आपातकालीन उपचार शुरू किया जाता है। बीएमओ ने स्पष्ट किया कि ग्रामीणों को किसी भी संदिग्ध कुत्ते से दूरी बनाए रखनी चाहिए और किसी भी काटने या खरोंच के मामले में तुरंत स्वास्थ्य केंद्र या अस्पताल पहुंचना चाहिए। जशपुर जिले में कुत्तों के हमलों की यह घटनाएँ ग्रामीण सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े करती हैं।
प्रशासन
को इस दिशा में न केवल कुत्तों की निगरानी बढ़ाने बल्कि स्वास्थ्य केंद्रों में पर्याप्त डॉक्टर और स्टाफ तैनात करने की आवश्यकता है। ग्रामीणों का कहना है कि अगर समय पर कार्रवाई नहीं हुई, तो बच्चों की सुरक्षा के साथ-साथ पूरे क्षेत्र में भय और असुरक्षा का माहौल बना रहेगा। उन्होंने स्थानीय पुलिस और स्वास्थ्य विभाग से कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है। इन घटनाओं के बाद अधिकारियों ने इलाके में सर्वे और निगरानी तेज कर दी है। उन्होंने आश्वासन दिया है कि पागल कुत्तों को पकड़ने और भविष्य में ऐसे हमलों को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।
