नई दिल्ली: मध्य प्रदेश में खांसी की सिरप पीने से 20 बच्चों की मौत के बाद अब केंद्र सरकार एक्शन में आ गई है. देश के शीर्ष दवा नियामक निकाय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सख्त निर्देश जारी किए हैं कि किसी भी कफ सिरप या दवा का बैच बिना जांच के बाजार में न पहुंचे. Central Drugs Standard Control Organisation (CDSCO) ने अपनी सलाह में साफ कहा है कि किसी भी खांसी की दवा या अन्य फार्मुलेशन में इस्तेमाल होने वाले कच्चे माल और तैयार सिरप की पूरी जांच जरूरी होगी. यह आदेश सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के ड्रग कंट्रोलर्स को भेजा गया है.
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Central Drugs Standard Control Organisation के ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) राजीव सिंह रघुवंशी ने चेतावनी दी है कि जांच में लापरवाही करना 1945 के ड्रग रूल्स का उल्लंघन माना जाएगा.
पहले की लापरवाही से हुईं कई मौतें
यह मामला तब बड़ा बना जब मध्य प्रदेश में 20 बच्चों की मौत Coldrif कफ सिरप से जुड़ी पाई गई. विशेषज्ञों का कहना है कि अगर पहले ही कच्चे माल की जांच की गई होती, तो यह त्रासदी टाली जा सकती थी.
इससे पहले भी राजस्थान, जम्मू और विदेशों में Diethylene Glycol (DEG) और Ethylene Glycol (EG) जैसे जहरीले रसायनों के कारण बच्चों की जान जा चुकी है. ये केमिकल अक्सर तब सिरप में मिल जाते हैं जब कच्चे माल की सही जांच नहीं होती.
सख्त मॉनिटरिंग का आदेश
केंद्र ने राज्यों को साफ निर्देश दिया है कि हर निर्माता की क्वालिटी कंट्रोल सिस्टम पर नजर रखी जाए और बिना टेस्टिंग कोई भी दवा बाजार में न पहुंचे. अगर किसी कंपनी में कमी पाई जाती है तो सख्त कार्रवाई की जाएगी.
एडवाइजरी में कहा गया है कि “हर बैच की टेस्टिंग निर्माता की अपनी लैब या लाइसेंस प्राप्त किसी लैब में की जानी चाहिए और उसके रिकॉर्ड भी सुरक्षित रखे जाने चाहिए.”

