गिरिश गुप्ता गरियाबंद:- जिले के लिए अच्छी खबर आई है, यहां अब प्रवासी पक्षी आने लगे हैं । बता दें कि ये सभी पक्षी एवं स्तनपायी जीव ज्यादातर केरल, कर्णाटक, तमिलनाडू में स्थित पश्चिमी घाट (एवरग्रीन फारेस्ट) के जंगलो में पाए जाते है. और अब उदंती एवं सीतानदी अभ्यारण्य में पश्चिमी घाट जैसा रहवास होने के कारण वृहद् मात्रा में यह जीव पाए जाते है.

टाइगर रिज़र्व प्रबंधन द्वारा राष्ट्रिय वन्यजीव सप्ताह (2) अक्टूबर से 8 अक्टूबर) के दौरान राज्य के विभिन्न क्षेत्रो से आये पर्यटकों एवं विद्यार्थियों को बर्ड वाचिंग, ट्रैकिंग, जिप्सी सफारी के माध्यम से वनों एवं वन्यप्राणी संरक्षण के बारे में बताया जायेगा.

मालाबार पाइड हार्नबिल एवं पेरेग्रिन फाल्कन को देखने के लिए 2500 फीट ऊँची ओढ़ एवं आममोरा की पहाडियों पर ट्रैकिंग एवं वर्ड वाचिंग सेशन करवाए जायेंगे स्थानीय गाइड्स द्वारा आगंतुको को हार्नबिल संरक्षण एवं संवर्धन के बारे में बताया जायेगा.

इसी प्रकार उड़न गिलहरी एवं इन्द्रधनुषी गिलहरी देखने के लिए कोयबा इको सेंटर एवं सांकरा (नगरी) इको सेंटर में कार्यक्रम रखे जायेंगे सीतानदी क्षेत्र में वृहद् मात्रा में ये जीव देखे जाते है जिनका संरक्षण कार्य किया जा रहा है.

रात्रि में इको सेंटर कोयबा एवं ओढ़ में टेलिस्कोप एवं कैमेरो के माध्यम से स्टार गेजिंग सेशन रखे जा रहे है जिससे तारामंडल की अद्भुत चित्र कैद हो रहे हैं. स्कूली बच्चो के लिए क्विज एवं पेंटिंग प्रतियोगिता का भी आयोजन होगा –

