प्रयागराज में थाना परिसर के अंदर ही एक भयानक मारपीट का मामला सामने आया है। पीड़ित प्रभुनारायण शुक्ला, जो पिछले 16 साल से थाने में प्राइवेट फॉलोअर (खाना बनाने वाले) के रूप में कार्यरत हैं, ने आरोप लगाया कि थाना पूरामुफ्ती के पांच सब इंस्पेक्टरों ने उनकी बेरहमी से पिटाई की।
घटना का विवरण
पीड़ित प्रभुनारायण शुक्ला के अनुसार, 28 सितंबर की रात लगभग 11.30 बजे सब इंस्पेक्टर विवेक उनके कमरे में आए और गाली-गलौज शुरू कर दी। इसके बाद प्रभुनारायण को थाने की ओर ले जाया गया। वहां मौजूद सब इंस्पेक्टर वरुण कांत, विशाल और निशांत ने मिलकर उन्हें लात-घूसे और डंडों से पीटा। पीड़ित ने यह भी बताया कि इसी बीच अंडर ट्रेनी महिला सब इंस्पेक्टर कोमल भी वहां पहुंचीं और डंडे से उनकी पिटाई में भाग लिया। मारपीट के दौरान उनके शरीर पर गंभीर चोटें आईं, जिनके निशान अगले दिन तक साफ दिखाई दे रहे थे।
चालान और अनुचित कार्रवाई
प्रभुनारायण के अनुसार, मारपीट के दौरान उनके खिलाफ शांतिभंग का चालान भी कर दिया गया। पीड़ित ने कहा कि यह पूरी घटना थाने के CCTV कैमरे में कैद है, जिसे देखकर वास्तविक परिस्थितियों का पता लगाया जा सकता है।
शिकायत और कार्रवाई
पीड़ित ने घटना की शिकायत अधिकारियों के सामने की। अधिकारियों ने अपराधियों को तुरंत थाने से हटाया और मामले की जांच शुरू कर दी। पुलिस ने बताया कि सभी आरोपियों के खिलाफ आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जाएगी और CCTV फुटेज भी जांच के दौरान महत्वपूर्ण साक्ष्य के रूप में प्रयोग किया जाएगा।
पीड़ित की आपबीती
कौशांबी जिले के चरवा थाना क्षेत्र के काजू गांव के रहने वाले प्रभुनारायण शुक्ला ने कहा कि वह थाने परिसर में ही रहते और खाना बनाने का काम करते थे। रोज की तरह 28 सितंबर को भी उन्होंने अपना काम पूरा कर कमरे में सो गए थे। लेकिन रात में सब इंस्पेक्टरों के आक्रामक रवैये ने उन्हें आश्चर्यचकित कर दिया। उन्होंने बताया कि मारपीट के दौरान उनके शरीर पर चोटों के स्पष्ट निशान बने, जो उनके कथन को प्रमाणित करते हैं। प्रभुनारायण ने अधिकारियों से आग्रह किया है कि घटना की निष्पक्ष जांच की जाए और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। थाना अधिकारियों ने बताया कि प्रभुनारायण की शिकायत के बाद तुरंत सभी आरोपी सब इंस्पेक्टरों को हटाया गया है। जांच में पाया गया कि आरोप गंभीर हैं और मामले की निष्पक्ष जांच की जा रही है।

