अगर ऐसा होता है तो होम, वाहन और अन्य लोन की ईएमआई सस्ती हो जाएंगी। नए लोन लेना भी किफायती हो सकता है।
RBI News: नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने सोमवार से मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक की शुरुआत कर दी है। 1 अक्टूबर को आबीआई एमपीसी का फैसला भी आ रहा है। ऐसे में आम जनता और उद्योग जगत को उम्मीद है कि त्योहारों पर केंद्रीय बैंक रेपो दर में 0.25 प्रतिशत (25 आधार अंक) की कटौती कर सकता है। अगर ऐसा होता है तो होम, वाहन और अन्य लोन की ईएमआई सस्ती हो जाएंगी। नए लोन लेना भी किफायती हो सकता है।
जानकार मानते हैं कि रेपो रेट में कटौती से आवासीय और उपभोक्ता कर्ज की मांग में तेजी आएगी। इससे रियल एस्टेट, ऑटोमोबाइल क्षेत्र में तेजी आएगी और त्योहारी सीजन में उपभोग को बढ़ावा मिलेगा। बैंकिंग क्षेत्र भी इसका लाभ उठाकर अपनी लोन बुक को मजबूत कर सकता है। ध्यान रहे कि बीते एक वर्ष के दौरान आरबीआई ने रेपो रेट में तीन बार कटौती की है, जिस कारण कुल एक प्रतिशत की कटौती की जा चुकी है।
वहीं, कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है कि आरबीआई इस बार ब्याज दर (रेपो रेट) में कोई बदलाव नहीं करेगा और उसे 5.50% पर ही बरकरार रखेगा। इसकी वजह उन्होंने मजबूत अर्थव्यवस्था को बता या है। उनका कहना है कि भारतीय अर्थव्यवस्था ने अप्रैल-जून की तिमाही में 7.8% की मजबूत वृद्धि दर्ज की है, इसलिए अर्थव्यवस्था को इस समय ब्याज दर घटाने की जरूरत नहीं है।
आरबीआई पहले ही इस साल 100 बेसिस पॉइंट (1%) की दर कटौती कर चुका है। केंद्रीय बैंक अब इन पिछली कटौतियों का अर्थव्यवस्था पर क्या असर हो रहा है, यह देखना चाहता है। अमेरिका के साथ चल रहे व्यापारिक तनाव और वैश्विक आर्थिक हालातों में अनिश्चितता के चलते आरबीआई सतर्क रुख अपनाना चाहता है।
मौजूदा समय में महंगाई दर नियंत्रण में हैं, जिसे देखते हुए आर्थिक विकास को गति देने के उद्देश्य से आरबीआई रेपो रेट में कमी का फैसला कर सकता है। वर्तमान में महंगाई 2 फीसदी के आसपास है, जो एक दशक का न्यूनतम स्तर है। अगस्त में खुदरा महंगाई दर 2.07 प्रतिशत रही थी। एसबीआई रिसर्च समेत अन्य वित्तीय संस्थानों ने भी उम्मीद जताई है कि आर्थिक विकास को गति देने के लिए आरबीआई रेपो रेट में कटौती कर सकता है।