पिंटू दुबे, बिलासपुर। CG Politics : जहाँ केंद्र सरकार जीएसटी में किए गए बदलावों को आर्थिक सुधार और जनहित की दिशा में बड़ा कदम बता रही है, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस पार्टी ने इसे पूरी तरह से जनविरोधी और पूंजीपतियों के हित में बताया है। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में कांग्रेस जिलाध्यक्ष विजय केशरवानी ने प्रेस वार्ता कर भाजपा पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि यह ‘जीएसटी रिफॉर्म’ नहीं बल्कि ‘जनता के विश्वास पर हमला’ है। केशरवानी ने कहा कि सरकार उत्सव मना रही है, लेकिन जनता महंगाई और टैक्स के बोझ से कराह रही है।”
“कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि भाजपा सरकार गरीब की थाली से निवाला छीन रही है, श्रद्धालुओं की आस्था पर टैक्स लगाया जा रहा है और छोटे व्यापारियों को बर्बादी की ओर धकेला जा रहा है।

“कांग्रेस जिलाध्यक्ष विजय केशरवानी ने कहा कि केंद्र और राज्य की भाजपा सरकार जीएसटी के नाम पर जनता को गुमराह कर रही है। उन्होंने सवाल उठाया – क्या अब गरीब की थाली सस्ती हुई? क्या रसोई गैस, दाल, आटा और सब्ज़ियों के दाम घटे? जवाब है – नहीं। बल्कि आज आम आदमी को रसोई चलाने से पहले बजट बनाना पड़ता है। यही नहीं, कांग्रेस शासन में जनता को जो राहत बिजली बिल हाफ योजना के रूप में मिली थी, उसे भाजपा ने सत्ता में आते ही खत्म कर दिया। अब बिजली बिल चार से पांच गुना बढ़ गए हैं। क्या ये भी किसी उत्सव का हिस्सा है?”केशरवानी ने कहा कि भाजपा सरकार ने एक ओर राहत छीन ली, दूसरी ओर जीएसटी के नाम पर छोटे व्यापारियों को नया झटका दिया है। जिन चीजों पर टैक्स घटाया गया है, वहां भी भ्रम फैला कर प्रचार किया जा रहा है। जनता को सस्ती चीजें मिलने का वादा कर के कंपनियों को पहले ही दाम बढ़ाने का मौका दे दिया गया है।
“नवरात्रि के पावन अवसर पर भी भाजपा सरकार श्रद्धालुओं की भावनाओं पर टैक्स का भार थोप रही है। नारियल की कीमतें 35 से 40 रुपये के पार पहुंच चुकी हैं। फूल, फल और पूजा सामग्री महंगी होती जा रही है। विजय केशरवानी का कहना है कि यह सिर्फ महंगाई नहीं, बल्कि श्रद्धा पर सीधा कर प्रहार है। कांग्रेस ने इसे ‘आस्था पर टैक्स’ बताते हुए भाजपा पर गंभीर आरोप लगाए है”वहीं शिक्षा क्षेत्र को लेकर भी कांग्रेस ने चिंता जताई। कॉपी-किताब पर टैक्स में कटौती की बात तो की गई, लेकिन जिससे वह किताबें बनती हैं – यानि कि रॉ मटेरियल, धागा, काग़ज़ – उन पर टैक्स बढ़ा दिया गया है। नतीजा ये कि असल में कॉस्ट कम होने की बजाय और ज़्यादा हो रही है। कांग्रेस का कहना है कि ये ‘छूट का झूठ’ है, और सारा फायदा केवल बड़े उद्योगपतियों को पहुँचाया जा रहा है। छोटे दुकानदार और व्यापारी, जो पहले ही मंदी और टैक्स के बोझ से जूझ रहे हैं, उनके लिए यह ‘जीएसटी पार्ट 2’ विनाशकारी है।
कांग्रेस ने साफ कर दिया है कि आने वाले दिनों में वह सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन करेगी और गरीब, किसान, मध्यमवर्गीय परिवारों की आवाज़ को बुलंद करेगी। सवाल ये है कि क्या जीएसटी के नाम पर जनता के जख्मों पर नमक छिड़का जा रहा है? और अगर हाँ, तो फिर ये उत्सव आखिर किसके लिए है।