Bilaspur. बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में पुलिस ने नाबालिग से छेड़छाड़ के मामले में लंबे समय से फरार चल रहे आरोपी को आखिरकार गिरफ्तार कर लिया। आरोपी की पहचान लंबोदर वैष्णव (32 वर्ष), पिता रामदास वैष्णव, निवासी ग्राम कुली के रूप में हुई है। वह पिछले चार महीनों से पुलिस की गिरफ्त से बचता फिर रहा था। मामले की गंभीरता को देखते हुए बिलासपुर पुलिस अधीक्षक ने आरोपी पर 5 हजार रुपये का इनाम घोषित किया था। अब सीपत पुलिस की सतर्कता और मुखबिर की सूचना के आधार पर आरोपी को दबोच लिया गया और उसे न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया है।
मामला मई 2025 का
जानकारी के अनुसार, यह मामला 2 मई 2025 का है। उस दिन आरोपी लंबोदर वैष्णव ने गांव की एक नाबालिग पीड़िता के साथ छेड़छाड़ की थी। आरोप है कि उसने लड़की का हाथ, बांह और बाल पकड़कर अश्लील हरकतें कीं और उसके साथ बुरी नीयत से अश्लील बातें भी की थीं। पीड़िता ने साहस दिखाते हुए इस घटना की शिकायत थाना सीपत में दर्ज कराई। इस शिकायत के आधार पर आरोपी के खिलाफ छेड़छाड़ और पॉक्सो एक्ट सहित गंभीर धाराओं में अपराध दर्ज किया गया।
गिरफ्तारी से बचने के लिए फरार था आरोपी
मामला दर्ज होने के बाद आरोपी लंबोदर वैष्णव गिरफ्तारी के डर से फरार हो गया। पुलिस ने उसकी तलाश में लगातार दबिशें दीं, लेकिन वह हर बार स्थान बदलकर छिपने में कामयाब हो जाता। उसकी गिरफ्तारी न होने पर बिलासपुर पुलिस अधीक्षक ने उस पर इनाम घोषित कर दिया था। इसी बीच थाना प्रभारी सीपत के नेतृत्व में विशेष टीम बनाकर लगातार आरोपी के ठिकानों पर नजर रखी जा रही थी।
मुखबिर की सूचना बनी अहम कड़ी
पुलिस को आखिरकार सफलता तब मिली जब स्थानीय मुखबिर से सूचना मिली कि आरोपी अपने घर लौट आया है। इस जानकारी पर सीपत पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दबिश दी और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के समय आरोपी घर में ही छिपा हुआ था। पुलिस ने बिना समय गंवाए उसे हिरासत में लिया और आगे की कार्रवाई शुरू की।
आरोपी का आपराधिक रिकॉर्ड भी सामने आया
जांच के दौरान यह भी पता चला कि आरोपी लंबोदर वैष्णव का जिला जांजगीर-चांपा में भी आपराधिक रिकॉर्ड दर्ज है। इससे यह साफ होता है कि आरोपी पहले भी अपराधों में लिप्त रहा है और उसकी छवि एक आदतन अपराधी की रही है। पुलिस अब उसके पुराने मामलों की भी जांच कर रही है ताकि भविष्य में ऐसे अपराधों की पुनरावृत्ति को रोका जा सके।
अदालत में पेश कर जेल भेजा गया
गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने आरोपी को अदालत में पेश किया, जहां से उसे न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया है। पुलिस का कहना है कि आगे की विवेचना के दौरान आरोपी के अन्य आपराधिक मामलों की जानकारी जुटाई जाएगी और उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस टीम का योगदान
इस सफलता में थाना प्रभारी निरीक्षक गोपाल सतपथी, आरक्षक शरद साहू और आरक्षक आकाश मिश्रा की अहम भूमिका रही। पुलिस अधीक्षक ने पूरी टीम की तत्परता और मेहनत की सराहना की है। इस घटना ने एक बार फिर समाज और प्रशासन के सामने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि नाबालिग बच्चियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए और कितने ठोस कदम उठाए जाने चाहिए। छेड़छाड़ और यौन अपराधों के बढ़ते मामलों पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस और समाज दोनों की संयुक्त जिम्मेदारी बनती है।