लांसेट में प्रकाशित ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज (GBD) 2023 रिपोर्ट ने खुलासा किया है कि भारत में अब ब्रेस्ट कैंसर (Breast Cancer) और लंग कैंसर (Lung Cancer) सबसे ज्यादा मौतों का कारण बन रहे हैं. खास बात यह है कि महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर तेजी से बढ़ रहा है, वहीं पुरुषों में लंग कैंसर घातक रूप ले चुका है.
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स्टडी के अनुसार, कैंसर अब भी दुनिया में मौत का दूसरा सबसे बड़ा कारण है, जो हृदय रोगों के बाद आता है. 2023 में दुनिया भर में 1.85 करोड़ नए कैंसर केस दर्ज हुए और 1.04 करोड़ लोगों की मौत हुई. इनमें से लगभग दो-तिहाई मौतें कम और मध्यम आय वाले देशों में हुईं.
भारत का हाल: हर साल बढ़ रहा बोझ
भारत के लिए आंकड़े और भी चिंताजनक हैं.
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- 2023 में भारत में सबसे ज्यादा मौतें ब्रेस्ट और लंग कैंसर से हुईं.
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- ब्रेस्ट कैंसर से 8.5 मौतें प्रति 1 लाख जनसंख्या हुईं.
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- लंग कैंसर से 8.4 मौतें प्रति 1 लाख जनसंख्या दर्ज की गईं.
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- इसके बाद इसोफेगल (गले का कैंसर), पेट का कैंसर और मुँह का कैंसर भी बड़ी वजह बने.
क्यों बढ़ रहा है कैंसर का खतरा?
रिपोर्ट के मुताबिक कैंसर से जुड़ी मौतों के 40% मामले इन कारणों से होते हैं:
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- तंबाकू और गुटखा-खैनी का सेवन
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- अस्वस्थ खानपान और प्रदूषण
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- संक्रमण और जीवनशैली संबंधी बदलाव
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- समय पर जांच और इलाज की कमी
आने वाले सालों में और बढ़ेगी मुश्किल
रिपोर्ट बताती है कि 2050 तक कैंसर के मामले 3.05 करोड़ और मौतें 1.86 करोड़ तक पहुंच सकती हैं. यह 2024 की तुलना में 60% से ज्यादा वृद्धि होगी. सबसे ज्यादा असर गरीब और विकासशील देशों पर पड़ेगा, क्योंकि वहां स्वास्थ्य सुविधाएं सीमित हैं.
भारत में खास चुनौतियां
भारत की स्थिति वैश्विक ट्रेंड से अलग है. जहां दुनिया में लंग कैंसर सबसे ज्यादा मौत का कारण है, वहीं भारत में ब्रेस्ट और ओरल कैंसर भी बड़ी समस्या हैं. इसकी मुख्य वजह है:
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- महिलाओं में देर से डायग्नोसिस होना
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- पुरुषों में धूम्रपान और गुटखे का चलन
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- प्रदूषण और पेशेवर (Occupational) जोखिम
रोकथाम और समाधान क्या हैं?
विशेषज्ञों का कहना है कि अगर अभी से ठोस कदम न उठाए गए तो हालात और बिगड़ेंगे. भारत को इन बिंदुओं पर ध्यान देना होगा:
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- नियमित जांच और जल्दी पहचान (स्क्रीनिंग कैंप, मैमोग्राफी, लंग चेक-अप)
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- जीवनशैली में सुधार (संतुलित आहार, व्यायाम, धूम्रपान और शराब से दूरी)
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- प्रदूषण नियंत्रण और सुरक्षित कार्यस्थल
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- सस्ती और सुलभ इलाज की सुविधा
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- पब्लिक अवेयरनेस कैंपेन
लांसेट की यह स्टडी भारत के लिए बड़ी चेतावनी है. अगर समय रहते कदम न उठाए गए तो आने वाले वर्षों में कैंसर का बोझ स्वास्थ्य व्यवस्था को और ज्यादा कमजोर कर सकता है. लोगों को भी अपनी जीवनशैली और नियमित जांच पर ध्यान देना होगा, तभी कैंसर से होने वाली मौतों को कम किया जा सकेगा.