राजधानी रायपुर से एक बार फिर टोनही प्रथा और अंधविश्वास से जुड़ा गंभीर मामला सामने आया है। कोटा थाना क्षेत्र के सतनामी पारा में रहने वाली एक महिला ने अपने पड़ोसी भक्लु सतनामी पर गाली-गलौज, मारपीट और जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाया है।महिला का कहना है कि आरोपी भक्लु सतनामी ने उसकी पत्नी की बीमारी का जिम्मेदार उसे ठहराया और कहा कि वह टोनही है और उसने जादू-टोना करके उसकी पत्नी को बीमार कर दिया है। इसी आरोप के चलते आरोपी ने महिला के साथ मारपीट की और उसे जान से मारने की धमकी दी।
महिला की आपबीती
पीड़िता ने पुलिस को दी अपनी रिपोर्ट में बताया कि वह सतनामी पारा, कोटा रायपुर में रहती है और घरेलू काम करके अपना गुजारा करती है। उसके पति ठाकुर राम सिन्हा रायपुर के टाटीबंध इलाके की एक कंपनी में चौकीदार के रूप में काम करते हैं। महिला के दो बेटे भीम सिन्हा और सियाराम सिन्हा हैं, जिनकी शादी हो चुकी है और दोनों अपने-अपने परिवारों के साथ अलग रहते हैं।
पीड़िता ने बताया कि उसके बेटों का उससे कोई संपर्क नहीं है और वह व उसके पति अकेले रहते हैं। इसी मोहल्ले में रहने वाला भक्लु सतनामी अपनी पत्नी और परिवार के साथ रहता है। उसकी पत्नी करीब एक साल से बीमार है, उसे लकवा (पैरालिसिस) मार गया है और वह मानसिक रूप से भी कमजोर है।
महिला ने बताया कि इसी बीमारी की वजह से भक्लु सतनामी अक्सर उसे टोनही कहकर गाली-गलौज करता है। 8 सितंबर 2025 की रात करीब 9 बजे आरोपी भक्लु ने फिर से उसे टोनही कहकर अपशब्द कहे और धमकाया कि उसकी पत्नी की बीमारी का कारण वही है। जब महिला ने इसका विरोध किया तो भक्लु ने उसके साथ मारपीट कर दी। मारपीट के दौरान उसके दाहिने हाथ की कलाई में चोट आई। बाद में उसने रायपुर के एम्स अस्पताल में जाकर अपना इलाज कराया।
घटना की जानकारी महिला ने अपने पति ठाकुर राम सिन्हा को दी और फिर कोटा थाने पहुंचकर लिखित रिपोर्ट दर्ज कराई। रिपोर्ट में महिला ने साफ कहा है कि आरोपी भक्लु सतनामी के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए, ताकि उसे न्याय मिल सके। पुलिस ने महिला की रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। आरोपी के खिलाफ गाली-गलौज, मारपीट और जान से मारने की धमकी जैसे गंभीर धाराओं के तहत कार्रवाई की जा रही है।
यह मामला छत्तीसगढ़ के ग्रामीण और शहरी इलाकों में अब भी मौजूद अंधविश्वास की ओर इशारा करता है। टोनही प्रथा के कारण न जाने कितनी महिलाओं को सामाजिक अपमान, मारपीट और हिंसा का शिकार होना पड़ता है। छत्तीसगढ़ सरकार ने टोनही प्रथा के खिलाफ कानून भी बनाया है, जिसके तहत किसी महिला को टोनही कहकर प्रताड़ित करना गंभीर अपराध माना जाता है और इसके लिए सजा का प्रावधान है। इसके बावजूद आए दिन इस तरह के मामले सामने आ रहे हैं। घटना के बाद स्थानीय लोगों में भी नाराजगी देखी जा रही है। उनका कहना है कि बीमारी और तकलीफ को अंधविश्वास से जोड़कर किसी महिला पर आरोप लगाना गलत है। पुलिस और प्रशासन को ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई करनी चाहिए ताकि कोई भी महिला आगे इस तरह की यातना न झेले।