नई दिल्ली: विदेश मंत्रालय (MEA) ने शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण परामर्श जारी किया है. इसमें बताया गया है कि हाल के दिनों में कई भारतीय नागरिकों को झूठे नौकरी के वादों के बहकावे में ईरान बुलाया गया और वहां आपराधिक गिरोहों ने उनका अपहरण कर लिया. इन गिरोहों ने पीड़ितों के परिवारों से फिरौती की मांग की, जिससे कई परिवारों को गंभीर मुश्किलों का सामना करना पड़ा.
MEA ने कहा, “हाल ही में कई घटनाएं सामने आई हैं, जिनमें भारतीय नागरिकों को ईरान जाने के लिए नौकरी का झांसा दिया गया या तीसरे देशों में रोजगार का आश्वासन देकर बुलाया गया. ईरान पहुंचने पर उन्हें आपराधिक गिरोहों ने अगवा कर लिया और रिहाई के लिए फिरौती मांगी गई.” मंत्रालय ने सभी भारतीय नागरिकों को सख्त सतर्कता बरतने की सलाह दी है.
वीजा-फ्री एंट्री के झांसे से बचें
सरकार ने चेतावनी दी कि जो एजेंट रोजगार के नाम पर ईरान में वीजा-फ्री एंट्री का वादा कर रहे हैं, वे अपराधियों के साथ मिलकर काम कर सकते हैं. MEA ने स्पष्ट किया कि ईरान केवल पर्यटन उद्देश्यों के लिए भारतीय नागरिकों को वीजा-फ्री प्रवेश की अनुमति देता है. रोजगार या अन्य कारणों से वीजा-फ्री एंट्री का दावा करने वाले एजेंटों से दूरी बनाना बेहद जरूरी है.
क्या करें और क्या न करें
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- एजेंट्स की जांच-पड़ताल करें: किसी भी एजेंट से नौकरी का ऑफर मिलने पर उसके बारे में पूरी तरह से जानकारी लें.
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- आधिकारिक स्रोतों से पुष्टि करें: विदेश मंत्रालय या भारतीय दूतावास से नौकरी से जुड़ी जानकारी की पुष्टि करें.
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- संदिग्ध वादों से बचें: वीजा-फ्री एंट्री या विदेश भेजने के लुभावने ऑफर अक्सर धोखाधड़ी का हिस्सा होते हैं.
फर्जी नौकरी के बहकावे में आकर विदेश यात्रा करना खतरनाक साबित हो सकता है. विदेश मंत्रालय की यह चेतावनी भारतीय नागरिकों के लिए एक अहम संदेश है कि किसी भी रोजगार अवसर को स्वीकार करने से पहले सावधानी बरतें और आधिकारिक माध्यमों से ही जानकारी प्राप्त करें.

