Air India Plane Crash | X
अहमदाबाद से लंदन गैटविक जा रही एयर इंडिया (Air India) की फ्लाइट AI171 12 जून को उड़ान भरने के कुछ ही मिनट बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी. इस हादसे में कम से कम 260 लोगों की मौत हुई थी, जिनमें 230 यात्री, 12 क्रू मेंबर और जमीन पर मौजूद कुछ लोग शामिल थे. हादसे में केवल एक यात्री जीवित बचा. इस घटना ने न सिर्फ भारत बल्कि पूरी दुनिया को हिला कर रख दिया.
इस हादसे से जुड़े चार पीड़ित परिवारों ने अब अमेरिकी अदालत में बोइंग (Boeing) और एयरक्राफ्ट पार्ट्स निर्माता कंपनी हनीवेल (Honeywell) के खिलाफ मुकदमा दायर किया है. परिवारों का आरोप है कि विमान के फ्यूल स्विच (Fuel Switches) में खराबी के कारण यह हादसा हुआ. मुकदमा अमेरिका के डेलावेयर सुपीरियर कोर्ट में 17 सितंबर को दायर किया गया.
फ्यूल स्विच पर उठे सवाल
परिवारों ने 2018 के एफएए (FAA) के एक एडवाइजरी का जिक्र किया है, जिसमें बोइंग 787 सहित कई मॉडलों के फ्यूल कटऑफ स्विच की लॉकिंग मैकेनिज्म की जांच करने की सिफारिश की गई थी. उनका दावा है कि एयर इंडिया ने इन सिफारिशों का पालन नहीं किया.
जांच रिपोर्ट में सामने आया कि जिस विमान से हादसा हुआ, उसके थ्रॉटल कंट्रोल मॉड्यूल (जिसमें फ्यूल स्विच शामिल हैं) को 2019 और 2023 में बदला गया था. हालांकि, एयर इंडिया ने दावा किया था कि सभी आवश्यक सुरक्षा निर्देशों और बुलेटिन्स का पालन किया गया था.
बोइंग और Honeywell की प्रतिक्रिया
जहां बोइंग ने इस मामले पर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया, वहीं हनीवेल की तरफ से भी कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं दी गई. रिपोर्ट्स के अनुसार, कॉकपिट रिकॉर्डिंग से संकेत मिलता है कि उड़ान के दौरान किसी समय कैप्टन ने इंजनों के फ्यूल फ्लो को बंद कर दिया था. मुकदमे में कहा गया है कि कॉकपिट में स्विच ऐसी जगह पर लगाए गए थे, जहां सामान्य गतिविधियों के दौरान वे गलती से भी दब सकते थे. हालांकि, कुछ एविएशन एक्सपर्ट्स ने इस दावे को खारिज किया और कहा कि डिजाइन के कारण स्विच गलती से दबना मुश्किल है.
पीड़ित परिवारों की मांग
मुकदमे में पीड़ित परिवारों ने अपनी हानि के लिए मुआवज़े की मांग की है. जिन चार यात्रियों के नाम मुकदमे में शामिल हैं, वे हैं– कांताबेन धीरुभाई पघडाल, नाव्या चिराग पघडाल, कुबेरभाई पटेल और बाबीबेन पटेल. बताया गया कि सभी पीड़ित या तो भारत या ब्रिटेन के नागरिक थे.
जांच में क्या सामने आया
अमेरिकी फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (FAA) ने कहा है कि शुरुआती जांच के अनुसार स्विच में खराबी दुर्घटना का मुख्य कारण नहीं लगती. हालांकि, मुकदमे के चलते बोइंग और हनीवेल पर कानूनी दबाव बढ़ गया है. यह मामला अमेरिका में इस क्रैश से जुड़ा पहला मुकदमा है और आने वाले समय में यह अंतरराष्ट्रीय एविएशन सुरक्षा मानकों और कंपनियों की जिम्मेदारी पर बड़ी बहस छेड़ सकता है.

