Bank Fraud Cases: नई दिल्ली। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने उद्योगपति अनिल अंबानी, यस बैंक के पूर्व सीईओ राणा कपूर और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ 2,796 करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी के मामले में विशेष अदालत में आरोपपत्र दाखिल किया है। यह कार्रवाई मुंबई की विशेष अदालत में गुरुवार को की गई, जिसमें एडीए ग्रुप की कंपनियों और कपूर परिवार की फर्मों के बीच कथित अनियमित लेन-देन को धोखाधड़ी का आधार बताया गया है।
सीबीआई के अधिकारियों के अनुसार, यस बैंक ने 2017 में राणा कपूर की मंजूरी से रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस लिमिटेड (आरसीएफएल) में 2,045 करोड़ रुपये और रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड (आरएचएफएल) में 2,965 करोड़ रुपये का निवेश किया था। यह निवेश तब किया गया जब केयर रेटिंग्स ने एडीए ग्रुप की कंपनियों को वित्तीय तनाव और खराब बाजार मूल्यांकन के कारण ‘निगरानी’ श्रेणी में रखा था। जांच में पाया गया कि यह राशि कई स्तरों से डायवर्ट की गई, जिससे बैंक को भारी नुकसान हुआ।
अनिल अंबानी एडीए ग्रुप के चेयरमैन और रिलायंस कैपिटल लिमिटेड के डायरेक्टर हैं, जो आरसीएफएल और आरएचएफएल की होल्डिंग कंपनी है। सीबीआई ने आरोप लगाया कि राणा कपूर ने अपने पद का दुरुपयोग कर बैंक के सार्वजनिक धन को वित्तीय संकट में फंसी एडीए ग्रुप की कंपनियों में लगाया। बदले में, एडीए ग्रुप ने कपूर की पत्नी बिंदु कपूर और बेटियों राधा कपूर व रोशनी कपूर की कंपनियों को रियायती दरों पर ऋण और निवेश की सुविधा प्रदान की।
चार्जशीट में राणा कपूर, बिंदु कपूर, राधा कपूर, रोशनी कपूर, आरसीएफएल, आरएचएफएल (अब ऑथम इन्वेस्टमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड), आरएबी एंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड, इमेजिन एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड, ब्लिस हाउस प्राइवेट लिमिटेड, इमेजिन हैबिटेट प्राइवेट लिमिटेड, इमेजिन रेसिडेंस प्राइवेट लिमिटेड और मॉर्गन क्रेडिट्स प्राइवेट लिमिटेड को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (पीसी एक्ट) और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं के तहत आरोपी बनाया गया है।
यह मामला 2022 में यस बैंक के मुख्य सतर्कता अधिकारी की शिकायत पर दर्ज हुआ था। सीबीआई ने दो अलग-अलग केस दर्ज किए थे, जो आरसीएफएल और आरएचएफएल से जुड़े थे। जांच में खुलासा हुआ कि रिलायंस निप्पॉन म्यूचुअल फंड ने भी अनिल अंबानी के निर्देश पर कपूर परिवार की कंपनियों में 1,160 करोड़ रुपये का निवेश किया था। ये निवेश असुरक्षित डेट इंस्ट्रूमेंट्स (एटी1 बॉन्ड्स) में थे, जो संकट में पूरी तरह डूब सकते थे।
सीबीआई के प्रवक्ता ने बयान में कहा, “जांच से राणा कपूर और अनिल अंबानी के बीच साजिश का पर्दाफाश हुआ। कपूर ने बैंक के धन को एडीए ग्रुप में लगाया, जबकि ग्रुप ने कपूर परिवार को लाभ पहुंचाया। इससे यस बैंक को 2,796.77 करोड़ का नुकसान हुआ और आरोपी पक्ष को अवैध लाभ मिला।”
एडीए ग्रुप की ओर से अभी कोई टिप्पणी नहीं आई है।
यह मामला बैंकिंग क्षेत्र में पारदर्शिता और कॉरपोरेट गवर्नेंस पर सवाल उठाता है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस चार्जशीट से बड़े उद्योगपतियों और बैंकरों के बीच कथित साठगांठ पर नजर रखी जाएगी। कोर्ट अब आरोप तय करने की प्रक्रिया शुरू करेगा।