रविवार का दिन था और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (जिसे पहले ट्विटर कहते थे) पर माहौल गर्म हो गया. वजह थे व्हाइट हाउस के सलाहकार पीटर नवारो, जो भारत को लेकर अपने एक पोस्ट की वजह से चर्चा में आ गए. उन्होंने हमेशा की तरह भारत पर रूस से तेल खरीदने को लेकर निशाना साधा, लेकिन इस बार उन्हें यूज़र्स ने ही आईना दिखा दिया.
पीटर नवारो ने X पर एक पोस्ट में आरोप लगाया कि भारत रूस से तेल सिर्फ़ “मुनाफ़ा कमाने के लिए” खरीद रहा है और इस पैसे से “रूस की युद्ध मशीन को ताक़त मिल रही है”.
लेकिन इस बार उनका ये आरोप ज़्यादा देर टिक नहीं पाया. X के ‘कम्युनिटी नोट’ फ़ीचर के तहत कई यूज़र्स ने उनके पोस्ट के नीचे एक नोट जोड़ दिया. इस नोट में नवारो के दावे को सही करते हुए बताया गया कि भारत यह तेल “सिर्फ़ मुनाफ़े के लिए नहीं, बल्कि अपनी ऊर्जा सुरक्षा के लिए” खरीद रहा है. साथ ही, यह भी साफ़ किया गया कि ऐसा करके भारत किसी भी तरह के प्रतिबंधों का उल्लंघन नहीं कर रहा है.
कम्युनिटी नोट में आगे यह भी लिखा था, “हालांकि भारत कुछ टैरिफ लगाता है, लेकिन अमेरिका को भारत के साथ सर्विस सेक्टर में ट्रेड सरप्लस (यानी फ़ायदा) है. अमेरिका खुद भी रूस से कुछ चीज़ें आयात करना जारी रखे हुए है, जो एक तरह का दोहरा मापदंड है”.
सच सामने आया तो भड़क गए नवारो
अपने पोस्ट पर इस तरह की सफ़ाई देखकर पीटर नवारो आग-बबूला हो गए. उन्होंने कम्युनिटी नोट को “बकवास” करार दिया और X के मालिक एलन मस्क पर भड़क गए. उन्होंने मस्क पर “लोगों के पोस्ट में प्रोपेगैंडा घुसने देने” का आरोप लगाया और फिर से भारत पर मुनाफ़ाखोरी का इल्ज़ाम लगाया.
उन्होंने लिखा, “नीचे दिया गया यह बकवास नोट सिर्फ बकवास है. भारत सिर्फ़ मुनाफ़ाखोरी के लिए रूसी तेल खरीदता है. रूस के यूक्रेन पर हमला करने से पहले भारत कोई तेल नहीं खरीदता था. भारत सरकार की प्रचार मशीनरी ज़ोरों पर है. यूक्रेनियन को मारना बंद करो. अमेरिकी नौकरियां लेना बंद करो”.
Wow. @elonmusk is letting propaganda into people’s posts. That crap note below is just that. Crap. India buys Russia oil solely to profiteer. It didn’t buy any before Russia invaded Ukraine. Indian govt spin machine moving high tilt. Stop killing Ukranians. Stop taking… https://t.co/Uj1NMUrVOM
— Peter Navarro (@RealPNavarro) September 6, 2025
नवारो का भारत के खिलाफ़ पुराना गुस्सा
यह पहली बार नहीं है जब नवारो ने भारत पर ऐसे आरोप लगाए हैं. जब से अमेरिकी राष्ट्रपति ने भारतीय सामानों पर टैरिफ 50% तक बढ़ाया है, तब से वह लगातार भारत के खिलाफ़ बोल रहे हैं.
उन्होंने हाल ही में एक और पोस्ट में कहा था: “सच: भारत के ऊंचे टैरिफ से अमेरिका की नौकरियां जाती हैं. भारत रूसी तेल सिर्फ़ मुनाफ़े के लिए खरीदता है जिससे रूस की युद्ध मशीन को पैसा मिलता है. यूक्रेनियन/रूसी मरते हैं. अमेरिकी टैक्सपेयर्स ज़्यादा पैसा देते हैं. भारत सच का सामना नहीं कर सकता”.
वह इससे पहले भी भारत के लिए ‘टैरिफ का महाराजा’, ‘क्रेमलिन (रूस) के लिए लॉन्ड्रोमैट (गलत पैसे को सही करने की जगह)’, और ‘यूक्रेन में मोदी का युद्ध’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल कर चुके हैं. हाल ही में उनकी एक विवादित टिप्पणी, “ब्राह्मण भारतीय लोगों की क़ीमत पर मुनाफ़ा कमा रहे हैं”, को भारत ने “गलत” बताते हुए खारिज कर दिया था.
यह सारा विवाद उस समय हो रहा है जब ट्रंप प्रशासन ने भारत से आने वाले सामानों पर 25% का अतिरिक्त शुल्क लगा दिया है, जिससे कुल टैरिफ 50% हो गया है. इस टैरिफ को बढ़ाने की वजह भी भारत द्वारा रूस से तेल खरीदना ही बताई गई है.

