जांजगीर-चांपा । CG NEWS: 3 अगस्त को गोंड समाज के युवाओं ने नवागढ़ थाना पहुंचकर डेरे में चल रही अवैध महुआ शराब की शिकायत दर्ज कराई थी। युवा पीढ़ी को नशे से बचाने के लिए कार्रवाई की मांग की थी। लेकिन आज 6 सितंबर तक न तो किसी तरह की छापामार कार्रवाई हुई और न ही अवैध कारोबारियों पर शिकंजा कसा गया। उल्टा नवागढ़ पुलिस ने छापा मारने के बजाय चौपाल लगाकर ‘समझाईश’ दे डाली!”
आज फिर गोंड समाज के युवा नवागढ़ थाना पहुंचे और कार्रवाई की मांग की। लेकिन थाने से सिर्फ़ एक वन-स्टार अधिकारी और एक सिपाही डेरे में पहुंचे। वहां अवैध शराब बंद करने की समझाईश दी और समाज को कहा कि आप खुद जुर्माना लगाइए। सवाल यह है कि जब पुलिस समाज को जुर्माना लगाने को कहेगी, तो न्यायालय क्या करेगा? पुलिस का काम अपराध रोकना है या अपराध को समाज के हवाले करना?”
“गौर करने वाली बात यह है कि पहले भी नवागढ़ पुलिस ने एक विकलांग को महुआ शराब विक्रय के नाम पर जेल भेजा था, लेकिन डेरे में खुलेआम बिक रही महुआ शराब पर कार्रवाई क्यों नहीं? क्या रसूखदारों के डर से पुलिस खामोश है? यह भी आरोप है कि पूर्व और वर्तमान पार्षद के परिजन महुआ शराब बेचते हैं। क्या इसी रसूख के चलते कार्रवाई नहीं हो रही?”
जिला कलेक्टर और एसपी ने मादक पदार्थों की शिकायत के लिए डायल 1933 जारी किया है। लेकिन जब थाने में शिकायत के बाद भी पुलिस चौपाल लगाकर समझाईश देती नजर आती है तो डायल 1933 का क्या मतलब रह जाता है!

