लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में वजीरगंज पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए फर्जी IAS अधिकारी सौरभ त्रिपाठी को गिरफ्तार किया है.यह शख्स लग्जरी गाड़ियों के काफिले और लाल-नीली बत्तियों का इस्तेमाल कर लोगों को धोखा देता था. पुलिस ने उसके कब्जे से मर्सिडीज, डिफेंडर, फॉर्च्यूनर और इनोवा जैसी छह लग्जरी गाड़ियां, फर्जी सरकारी पास, नकली पहचान पत्र और अन्य दस्तावेज बरामद किए हैं.
चेकिंग के दौरान खुली पोल
वजीरगंज थाना क्षेत्र के कारगिल शहीद पार्क के पास चेकिंग के दौरान पुलिस ने सौरभ की गाड़ी रोकी. उसने खुद को IAS अधिकारी बताते हुए पुलिस पर रौब जमाने की कोशिश की और एक फर्जी विजिटिंग कार्ड पेश किया. संदेह होने पर पुलिस ने गहन जांच की, जिसमें गाड़ी से लाल-नीली बत्तियां और फर्जी दस्तावेज बरामद हुए। पूछताछ में सौरभ ने स्वीकार किया कि वह नोएडा के गरिमा विहार का रहने वाला है और लंबे समय से फर्जी IAS बनकर ठगी कर रहा था.
लखनऊ में फर्जी IAS गिरफ्तार
लखनऊ में पकड़ा गया फर्जी IAS, लग्जरी गाड़ियों के काफिले से दिखाता था रौब
लखनऊ में पकड़ा गया फर्जी IAS सौरभ त्रिपाठी पूछताछ में लगातार बड़े-बड़े खुलासे कर रहा है. उसने बताया कि सोसाइटी में रौब जमाने के लिए वह मर्सिडीज, डिफेंडर और फॉर्च्यूनर जैसी लग्जरी गाड़ियों के काफिले और… pic.twitter.com/Kn7DWiNEHJ
— NDTV India (@ndtvindia) September 4, 2025
सोशल मीडिया पर बनाया था जाल
सौरभ ने सोशल मीडिया पर @Saurabh_IAAS नाम से अकाउंट बनाकर खुद को IAS अधिकारी के रूप में पेश किया था. वह बड़े सरकारी कार्यक्रमों में शामिल होता और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ फोटो खिंचवाकर सोशल मीडिया पर साझा करता, जिससे लोग उसे असली अधिकारी समझ बैठते. उसने कई राज्यों में इस तरह की ठगी की वारदातों को अंजाम दिया था. पुलिस अब उसके नेटवर्क और अन्य संलिप्त लोगों की जांच कर रही है.
पहले भी सामने आए हैं ऐसे मामले
यह कोई नया मामला नहीं है। देश में पहले भी कई बार लोग फर्जी IAS, IPS या अन्य सरकारी अधिकारी बनकर ठगी करते पकड़े गए हैं. उदाहरण के लिए, 2016 में लखनऊ में केडी सिंह नामक एक व्यक्ति को भारत सरकार का लोगो और नीली बत्ती वाली गाड़ी के साथ गिरफ्तार किया गया था, जिसने एक एनजीओ संचालक से 5 लाख रुपये ठगे थे.
पुलिस की कार्रवाई और जांच
लखनऊ पुलिस ने बताया कि सौरभ त्रिपाठी के खिलाफ धोखाधड़ी और जालसाजी का मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि उसने कितने लोगों को ठगा और इन लग्जरी गाड़ियों को कैसे हासिल किया. पुलिस को शक है कि इस फर्जीवाड़े में एक बड़ा गिरोह शामिल हो सकता है. सौरभ के सोशल मीडिया अकाउंट्स को डिलीट कर दिया गया है, और उससे पूछताछ जारी है।
लोगों से सतर्क रहने की अपील
पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे किसी के सरकारी अधिकारी होने के दावे पर आंख मूंदकर भरोसा न करें और कोई भी संदिग्ध गतिविधि दिखने पर तुरंत पुलिस को सूचित करें. इस घटना ने एक बार फिर प्रशासनिक तंत्र में सतर्कता की जरूरत को उजागर किया है.

