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नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. यहां साइबर ठगों ने एक 100 साल के बुजुर्ग को 6 दिनों तक ‘डिजिटल अरेस्ट’ में रखकर उनसे 1.29 करोड़ रुपये ठग लिए. पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है.
पीड़ित का नाम हरदेव सिंह है और वह मर्चेंट नेवी के रिटायर्ड अधिकारी हैं. घटना पिछले हफ्ते की है जब उनके पास एक अनजान नंबर से फोन आया. फोन करने वालों ने खुद को CBI का अफसर बताया और उन पर मनी लॉन्ड्रिंग (गलत तरीके से कमाए गए पैसे को वैध बनाना) का झूठा आरोप लगाया.
इसके बाद ठगों ने उन्हें ‘डिजिटल अरेस्ट’ कर लिया. इसका मतलब है कि उन्हें फोन काटने या किसी और से बात करने से मना कर दिया गया. उन्हें डराकर घर में ही एक तरह से कैद कर दिया गया और लगातार फोन पर बने रहने के लिए मजबूर किया गया. साथ ही, ठगों ने उनसे उनके बैंक खाते की जानकारी भी ले ली.
कुछ घंटों बाद जब हरदेव सिंह का बेटा घर पहुंचा, तो उन्होंने पूरी घटना के बारे में बताया. बेटे ने जब ठगों से बात की तो उन्होंने उसे भी धमकाया. ठगों ने बेटे से कहा कि “वेरिफिकेशन” के लिए उन्हें अलग-अलग बैंक खातों में पैसे भेजने होंगे. उन्होंने यह भी भरोसा दिलाया कि वेरिफिकेशन पूरा होते ही सारा पैसा वापस कर दिया जाएगा.
डरकर बेटे ने साइबर ठगों के बताए खातों में कुल 1.29 करोड़ रुपये ट्रांसफर कर दिए.
लेकिन जब पैसा वापस नहीं आया, तो उन्हें अपने साथ हुई ठगी का एहसास हुआ. इसके बाद हरदेव सिंह के बेटे ने तुरंत राष्ट्रीय साइबर-हेल्पलाइन नंबर 1930 पर शिकायत दर्ज कराई.
शिकायत के आधार पर, लखनऊ के सरोजिनी नगर पुलिस स्टेशन में धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि वे पीड़ितों द्वारा दिए गए मोबाइल नंबर के आधार पर मामले की जांच कर रहे हैं.

