नई दिल्ली। Urjit Patel: पूर्व आरबीआई गवर्नर डॉ. उर्जित पटेल को केंद्र सरकार ने 3 साल के लिए अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) में कार्यकारी निदेशक के रू
नई दिल्ली। Urjit Patel: पूर्व आरबीआई गवर्नर डॉ. उर्जित पटेल को केंद्र सरकार ने 3 साल के लिए अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) में कार्यकारी निदेशक के रूप में नियुक्त करने को मंजूरी दी है। उर्जित पटेल ने सितंबर 2016 में रघुराम राजन के बाद आरबीआई के 24वें गवर्नर के रूप में पदभार संभाला था।
Urjit Patel: उनके ही कार्यकाल में सरकार ने नवंबर 2016 में नोटबंदी जैसा बड़ा फैसला लिया था। दिसंबर 2018 में उन्होंने व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद वह 1992 के बाद सबसे कम कार्यकाल तक आरबीआई गवर्नर बने रहने वाले पहले व्यक्ति बन गए थे।
Urjit Patel: महत्वपूर्ण आर्थिक सुधारों में निभाई अहम भूमिका
आरबीआई गवर्नर के रूप में उर्जित पटेल ने महंगाई दर को नियंत्रित करने के लिए एक महत्वपूर्ण फैसला लिया था। उन्होंने आरबीआई के लिए 4% की महंगाई दर की सीमा तय की थी। इस सीमा का लक्ष्य रखते हुए ही केंद्रीय बैंक ने अपनी मौद्रिक नीति को संचालित करने का फैसला किया। उर्जित पटेल की रिपोर्ट के आधार पर ही भारत ने 4% सीपीआई को महंगाई दर के लक्ष्य के तौर पर अपनाया।
Urjit Patel: आरबीआई गवर्नर से पहले, उर्जित पटेल ने केंद्रीय बैंक में डिप्टी गवर्नर के रूप में भी काम किया था। इस दौरान उन्होंने मौद्रिक नीति, आर्थिक नीति अनुसंधान, सांख्यिकी और सूचना प्रबंधन, जमा बीमा, और सूचना का अधिकार जैसे कई महत्वपूर्ण विभागों को संभाला।
Urjit Patel: डॉ. पटेल ने येल विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में पीएचडी, ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से एम.फिल. और लंदन विश्वविद्यालय से बी.एससी. की डिग्री हासिल की है। इसके अलावा, वह 1998 से 2001 तक वित्त मंत्रालय के सलाहकार भी रहे। उन्होंने रिलायंस इंडस्ट्रीज, आईडीएफसी लिमिटेड, एमसीएक्स लिमिटेड और गुजरात राज्य पेट्रोलियम निगम जैसी सार्वजनिक और निजी दोनों तरह की कंपनियों में बड़े पद संभाले हैं।
Urjit Patel: पहले भी पांच साल तक IMF में कर चुके है काम
डॉ. उर्जित पटेल का करियर केवल आरबीआई तक सीमित नहीं है, बल्कि उनका अनुभव अंतर्राष्ट्रीय और घरेलू, दोनों स्तर पर काफी व्यापक रहा है। वह पहले भी पांच साल तक IMF में काम कर चुके हैं। उन्होंने वाशिंगटन डीसी में और फिर 1992 में नई दिल्ली में IMF के उप-स्थानिक प्रतिनिधि के रूप में अपनी सेवाएं दीं।

