दुर्ग । : पुलिस ने एक ऐसे शातिर चोर को गिरफ्तार किया है, जिसकी कहानी चौंकाने वाली है। आरोपी यशवंत उपाध्याय केवल मंदिरों में रखी दान पेटियों का पैसा ही चोरी करता था। आभूषण, कीमती सामान या अन्य वस्तुओं को हाथ तक नहीं लगाता था।
चोरी करने से पहले वह मंदिर में जाकर जय भगवान बोलता, प्रणाम करता, और फिर दान पेटी का ताला तोड़कर रकम लेकर निकल जाता था। चोरी के बाद भी बाहर निकलते समय भगवान को प्रणाम करना नहीं भूलता था।
वहीं सीएसपी सत्यप्रकाश तिवारी ने बताया कि आरोपी एक निजी समस्या और गंभीर बीमारी से जूझ रहा था। इस वजह से उसने भगवान से नाराज होकर केवल मंदिरों को ही अपना निशाना बनाया। वह कहता था मुझे ही ऐसा बीमारी क्यों दिया भगवान,आरोपी की गिरफ्तारी में त्रिनयन एप, सीसीटीवी फुटेज और जागरूक नागरिकों की बड़ी भूमिका रही।
पुलिस ने आरोपी के पास से चोरी के 1282 रुपये के सिक्के और एक जुपिटर वाहन बरामद किया। जांच में पता चला कि यशवंत उपाध्याय पहले भी 2011-12 में मारपीट के मामले में जेल जा चुका है, जहां उसकी मुलाकात अन्य अपराधियों से हुई।
जेल से छूटने के बाद उसने चोरी की राह पकड़ ली और अब तक 10 अलग-अलग मंदिरों में चोरी करना कबूल किया है।आरोपी चोरी से पहले मंदिरों की रेकी करता था, फिर अपने जुपिटर वाहन को मंदिर से थोड़ी दूर खड़ा करता, कपड़े बदलकर पैदल मंदिर में जाता और चोरी की वारदात को अंजाम देता।
वारदात के बाद फिर से कपड़े बदलता और मुख्य मार्ग से न जाकर गलियों का इस्तेमाल करता ताकि सीसीटीवी से बच सके।पुलिस ने जागरूक नागरिकों का आभार जताते हुए कहा कि अच्छी क्वालिटी के कैमरों और नागरिकों के सहयोग से ही आरोपी को पकड़ा जा सका। थाना नेवई, सुपेला, पद्मनाभपुर, भिलाई नगर और भिलाई भट्ठी क्षेत्र में हुए कई मंदिर चोरी के मामलों का भी आरोपी ने खुलासा किया है।


