तिरुवनंतपुरम, 27 अगस्त : केरल के विझिंजम अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह (Vizhinjam International Port) ने रिकॉर्ड समय में एक ऐतिहासिक मील का पत्थर पार कर लिया है, जिससे वह मैरीटाइम ट्रेड (Maritime Trade) में एक वैश्विक खिलाड़ी के रूप में स्थापित हो गया है. यह बयान राज्य के पोर्ट मिनिस्टर वी.एन.वासवन ने बुधवार को दिया. मंत्री ने कहा कि बंदरगाह ने वाणिज्यिक परिचालन शुरू करने के केवल नौ महीनों के भीतर 1.012 मिलियन टीईयू (ट्वेंटी फीस इक्विवेलेंट यूनिट्स) से अधिक का संचालन किया है, जो अनुमान से तीन गुना से अधिक है.
उन्होंने आगे कहा, “3 दिसंबर, 2024 को जब परिचालन शुरू हुआ, तो कंसेशन एग्रीमेंट में अनुमान लगाया गया था कि पोर्ट अपने पहले वर्ष में लगभग 3,00,000 कंटेनरों का संचालन करेगा. इसके बजाय, विझिंजम ने उस आंकड़े को पहले ही तीन गुना बढ़ा दिया है और अब दिसंबर 2025 तक 1.3-1.4 मिलियन टीईयू का प्रोसेस करने की राह पर है. इस तीव्र विस्तार ने वैश्विक शिपिंग उद्योग को स्तब्ध कर दिया है, जहां केवल कुछ ही बंदरगाह अपने पहले वर्ष में स्थापित क्षमता से आगे निकल पाए हैं.” वासवन ने बताया कि एक वर्ष से भी कम समय में 460 से अधिक जहाज विझिंजम में आ चुके हैं, जिनमें लगभग 400 मीटर लंबे 27 अल्ट्रा-लार्ज कंटेनर जहाज (यूएलसीवी) भी शामिल हैं. यह भी पढ़ें : Inspector Zende Release Date: ‘इंस्पेक्टर जेंडे’ में मनोज बाजपेयी की एक्टिंग देखने के बाद ओम राउत ने बताई अपनी अधूरी इच्छा
उन्होंने आगे कहा, “यह बंदरगाह दक्षिण एशिया का पहला बंदरगाह बन गया जिसने दुनिया के सबसे बड़े मालवाहक जहाज एमएससी इरिना को डॉक किया. एक और ऐतिहासिक उपलब्धि, एक ही जहाज, एमएससी पालोमा से 10,576 कंटेनरों को संभालना था, जिसने एक नया भारतीय रिकॉर्ड स्थापित किया है.” उन्होंने आगे कहा, “इस बंदरगाह की सफलता का श्रेय अदाणी समूह के कुशल संचालन, केरल सरकार के सशक्त समर्थन, स्थानीय मछुआरा समुदायों के सहयोग और शिपिंग लाइनों के साथ मजबूत सहयोग को जाता है.”
24 ऑटोमेटेड यार्ड क्रेन और 8 सेमी-ऑटोमेटेड शिप-टू-शोर क्रेन के साथ विझिंजम दक्षिण एशिया का पहला ऑटोमेटेड कंटेनर बंदरगाह भी है. स्थानीय समुदाय की महिलाएं इन उन्नत प्रणालियों का संचालन कर रही हैं, जो अत्याधुनिक तकनीक और समावेशी कार्यबल भागीदारी का मिश्रण दर्शाती हैं. रणनीतिक संपर्क ने विझिंजम की गति को और बढ़ा दिया है. यह बंदरगाह अब यूरोप, अमेरिका, अफ्रीका और चीन के लिए सीधी सेवाएं प्रदान करता है, जिससे कोलंबो, दुबई और सिंगापुर जैसे विदेशी ट्रांसशिपमेंट केंद्रों पर भारत की निर्भरता कम हो रही है.
वसवन ने कहा, “इस बदलाव से भारतीय अर्थव्यवस्था को अतिरिक्त लॉजिस्टिक्स लागत में करोड़ों की बचत होने की उम्मीद है, साथ ही वैश्विक व्यापार मानचित्र पर केरल की स्थिति भी मजबूत होगी.” विझिंजम तक सड़क और रेल संपर्क बनाने का कार्य भी तेजी से किया जा रहा है. अपनी मजबूत शुरुआत के साथ, विझिंजम भारत के समुद्री भविष्य के लिए एक मानक बन गया है, जिसने केरल को अंतरराष्ट्रीय व्यापार के लिए एक महत्वपूर्ण प्रवेश द्वार में बदल दिया है.

