सरकार इंडियन प्रोडक्ट्स को दुनिया भर के देशों में पहुंचाने के लिए नया प्लान बना रही है।
Export Promotion Mission: नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने बजट में घोषित एक्सपोर्ट प्रमोशन मिशन के तहत भारतीय निर्यातकों को साल 2025 से 2031 तक लगभग 25,000 करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता प्रदान करने की योजना बनाई है। सरकार इंडियन प्रोडक्ट्स को दुनिया भर के देशों में पहुंचाने के लिए नया प्लान बना रही है।
सूत्रों के मुताबिक इस सपोर्ट का मेन मकसद एक्सपोर्टर्स को सस्ता और आसान लोन उपलब्ध कराना है। कॉमर्स मिनिस्ट्री ने यह प्रपोजल फाइनेंस मिनिस्ट्री की एक्सपेंडिचर फाइनेंस कमेटी (EFC) को भेजा है। EFC से मंजूरी के बाद यह प्रस्ताव केंद्रीय मंत्रिमंडल के समक्ष रखा जाएगा। अगर इसे मंजूरी मिलती है तो यह इंडियन एक्सपोर्टर्स को खासकर अमेरिकी टैक्स से पैदा हुई ग्लोबल ट्रेड की अनिश्चितता से बचाने में मदद करेगा।
दो उप-योजनाओं में होगा लागू
इस मिशन का लक्ष्य अगले छह वर्षों (वित्तीय वर्ष 2025-31) में समावेशी और सतत निर्यात वृद्धि को बढ़ावा देना है। यह पारंपरिक तरीकों से आगे बढ़कर उन प्रमुख समस्याओं का समाधान करेगा, जो विशेष रूप से सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSMEs) के सामने आती हैं। मिशन को दो उप-योजनाओं के माध्यम से लागू किया जाएगा:.
1.एक्सपोर्ट प्रमोशन स्कीम (10,000 करोड़ रुपए से अधिक)
2.एक्सपोर्ट दिशा स्कीम (14,500 करोड़ रुपये से अधिक)
कहां होगा निवेश
1.एक्सपोर्ट प्रमोशन स्कीम
5,000 करोड़ रुपए से अधिक का ब्याज सब्सिडी सपोर्ट: निर्यातकों को सस्ते ऋण उपलब्ध कराने के लिए।
वैकल्पिक व्यापार वित्त विकल्प: ई-कॉमर्स निर्यातकों के लिए क्रेडिट कार्ड की सुविधा और नकदी प्रवाह की कमी को दूर करने के लिए अन्य वित्तीय व्यवस्थाएं शामिल हैं।
2.एक्सपोर्ट दिशा स्कीम
4,000 करोड़ रुपए का समर्थन: निर्यात गुणवत्ता मानकों को लागू करने के लिए।
4,000 करोड़ रुपए से अधिक: विदेशी बाजार विकास के लिए।
इसमें ब्रांडिंग, निर्यात के लिए भंडारण और लॉजिस्टिक्स में सुधार, और अधिक से अधिक भारतीय उद्यमों को वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं में एकीकृत करने के लिए क्षमता निर्माण शामिल है।

