जालना, महाराष्ट्र: पुलिसिया अत्याचार आम लोगों पर बढ़ गए है.महाराष्ट्र में कुछ महीने पहले परभणी में एक युवक की मौत हो गई थी. तो वही बीड में भी ऐसा कुछ सामने आया था. अब जालना से ऐसा एक वीडियो सामने आया. जिसको देखने के बाद लोगों ने रोष फैल गया है. स्वतंत्रता दिवस के मौके पर जालना के डीएम ऑफिस के बाहर यहां एक आंदोलनकारी को पुलिस ने हिरासत में लिया और इसके बाद जब उसे पकड़कर ले जा रहे थे, तो पुलिस अधिकारी ने फ़िल्मी स्टाइल में पीछे से उछलकर उसकी कमर पर लात मारी. इस घटना का वीडियो सामने आने के बाद लोगों ने इस पुलिस अधिकारी पर कार्रवाई की मांग की है.
इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया X पर @sirajnoorani नाम के हैंडल से शेयर किया गया है.
आंदोलनकारी को पुलिस अधिकारी ने मारी लात
In #Jalna, a shocking incident occurred where a protester attempted to block the convoy of #BJP leader Pankaja Munde. Police intervened to quell the protest. Notably, DSP Anant Kulkarni was seen kicking the protester in the waist in a dramatic manner while removing him.
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— Siraj Noorani (@sirajnoorani) August 15, 2025
पंकजा मुंडे के दौरे में हुआ हंगामा
स्वतंत्रता दिवस के दिन जालना में पालकमंत्री पंकजा मुंडे ने ध्वजारोहण किया. इसी दौरान गोपाल चौधरी नामक आंदोलनकारी ने उनके काफिले को रोककर आत्मदहन करने का प्रयास किया. पुलिस ने तुरंत उसे रोकने की कोशिश की.उसी वक्त डीवाईएसपी अनंत कुलकर्णी ने पीछे से दौड़कर आंदोलनकारी की कमर पर लात मार दी. यह दृश्य मौके पर मौजूद लोगों ने रिकॉर्ड किया और देखते ही देखते वीडियो वायरल हो गया.
डीवाईएसपी अनंत कुलकर्णी का बयान
वीडियो वायरल होने के बाद डीवाईएसपीअनंत कुलकर्णी ने सफाई दी. उन्होंने बताया कि ‘गोपाल चौधरी पिछले कई दिनों से जिल्हाधिकारी कार्यालय के बाहर उपोषण कर रहा था .पुलिस ने उसे कई बार समझाने की कोशिश की. लेकिन 15 अगस्त को उसने पंकजा मुंडे के दौरे के समय शरीर पर केरोसिन डालकर आत्मदहन करने का प्रयास किया. इसी दौरान उसने एक महिला पुलिस कर्मी पर भी केरोसिन फेंका. ऐसी स्थिति में उनकी सुरक्षा और स्थिति को काबू में रखने के लिए बल का प्रयोग करना पड़ा.
कौन है आंदोलनकारी और क्या है मामला?
जानकारी के मुताबिक, जालना शहर के चौधरी परिवार के सदस्य गोपाल चौधरी की पत्नी विवाह के बाद घर छोड़कर चली गई और बिना तलाक लिए दूसरी शादी कर ली. इस मामले में गोपाल और उसके भाई रमेश ने पुलिस से शिकायत की थी. लेकिन पुलिस ने उल्टा चौधरी परिवार के खिलाफ ही उनकी पत्नी की शिकायत पर केस दर्ज कर लिया. इसी कारण चौधरी परिवार कई दिनों से आंदोलन कर रहा था और सुने जाने की मांग कर रहा था.
जनता और आंदोलनकारियों में नाराज़गी
जब पंकजा मुंडे का काफिला जा रहा था, तब चौधरी परिवार के लोग रास्ता रोककर निवेदन देना चाहते थे. पुलिस ने उन्हें रोकते हुए थाने ले जाने की कोशिश की. इसी बीच लात मारने की घटना घटी, जिसने विवाद को और बढ़ा दिया. अब आंदोलनकारियों के साथ-साथ आम जनता में भी पुलिस की इस कार्रवाई को लेकर नाराज़गी व्यक्त की जा रही है.

