MS Dhoni’s INR 100 Crore Defamation Suit: पूर्व भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी द्वारा दायर किए गए मानहानि मामले को एक दशक से अधिक समय हो चुका है. धोनी ने 2014 में ज़ी मीडिया कॉर्पोरेशन, पत्रकार सुधीर चौधरी, सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी जी. संपत कुमार और न्यूज़ नेशन नेटवर्क के खिलाफ आईपीएल सट्टेबाजी घोटाले में उनका नाम घसीटने के आरोप में ₹100 करोड़ के हर्जाने की मांग करते हुए यह मानहानि मुकदमा दायर किया था. अब माननीय मद्रास हाईकोर्ट ने सोमवार, 11 अगस्त को इस 10 साल पुराने ट्रायल की शुरुआत करने का आदेश दिया है.
द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार, न्यायमूर्ति सी.वी. कार्तिकेयन ने सभी पक्षों और उनके वकीलों की आपसी सहमति से चेन्नई में सुविधाजनक स्थान पर एमएस धोनी के बयान दर्ज करने के लिए एक अधिवक्ता आयुक्त को नियुक्त किया है. चूंकि धोनी एक मशहूर हस्ती हैं, हाईकोर्ट में उनकी व्यक्तिगत मौजूदगी के दौरान मुख्य परीक्षा और प्रतिपरीक्षा के दौरान अव्यवस्था की संभावना हो सकती है, इसलिए यह व्यवस्था की गई है. चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) के दिग्गज धोनी ने स्पष्ट किया है कि वे 20 अक्टूबर 2025 से 10 दिसंबर 2025 के बीच मुख्य परीक्षा और प्रतिपरीक्षा के लिए उपलब्ध रहेंगे। स्थान और तारीखें आपसी सहमति से तय की जाएंगी.
यह ट्रायल पिछले दस वर्षों से लंबित है क्योंकि मुकदमे के पक्षकार समय-समय पर अलग-अलग राहतों के लिए कई आवेदन दाखिल करते रहे. दिसंबर 2023 में, न्यायमूर्ति एस.एस. सुंदर (सेवानिवृत्त) और न्यायमूर्ति सुंदर मोहन की खंडपीठ ने सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी जी. संपत कुमार को दोषी ठहराते हुए 15 दिन के साधारण कारावास की सजा सुनाई थी, जिसे बाद में सुप्रीम कोर्ट ने भी बरकरार रखा. जुलाई 2022 में, तत्कालीन महाधिवक्ता आर. शुन्मुगसुंदरम ने धोनी को अपमानजनक सामग्री (कंटेम्प्ट) याचिका दायर करने की अनुमति दी थी.

