बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में रक्षाबंधन के दिन हुआ एक दर्दनाक सड़क हादसा अब चर्चा का विषय बना हुआ है। हादसे में 5 माह की गर्भवती महिला की मौत हो गई, जबकि उसका पति और दो बच्चे गंभीर रूप से घायल हो गए। घटना के बाद से आरोपी वाहन चालक फरार था, लेकिन सोमवार को ग्रामीणों ने वाहन को खोजकर पुलिस के हवाले कर दिया। यह हादसा कोनी थाना क्षेत्र के तुर्काडीह गांव के पास हुआ। जानकारी के अनुसार, भरनी के देवरी गांव निवासी सुमित सूर्यवंशी अपनी पत्नी हेमलता सूर्यवंशी (गर्भवती), 7 वर्षीय बेटी मिंटी और 10 वर्षीय बेटे रिशु के साथ बाइक से रक्षाबंधन का त्योहार मनाने ससुराल सेमरताल जा रहा था। रात करीब 8 बजे के आसपास, तुर्काडीह गांव के पास पीछे से आ रहे तेज रफ्तार सरकारी वाहन ने उनकी बाइक को जोरदार टक्कर मार दी। टक्कर इतनी भीषण थी कि हेमलता ने मौके पर ही दम तोड़ दिया।
हादसे में पति सुमित, बेटी मिंटी और बेटा रिशु गंभीर रूप से घायल हो गए। ग्रामीणों ने तत्काल घायलों को अस्पताल पहुंचाया, जहां रिशु की हालत नाजुक बताई जा रही है और उसका इलाज सिम्स अस्पताल में जारी है। जबकि मिंटी को छुट्टी दे दी गई है। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, हादसे के बाद वाहन चालक गाड़ी समेत मौके से फरार हो गया। बताया जा रहा है कि यह वाहन पेंड्रा SDM ऋचा चंद्राकर का सरकारी वाहन है। ड्राइवर के फरार होने से ग्रामीणों में आक्रोश फैल गया। ग्रामीणों ने घटना के बाद खुद वाहन की तलाश शुरू की और चार दिन की मशक्कत के बाद उसे बरामद कर सोमवार को कोनी पुलिस को सौंप दिया। पुलिस ने मृतका हेमलता के पति की शिकायत पर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। कोनी थाना प्रभारी ने बताया कि वाहन को जब्त कर लिया गया है और फरार चालक की तलाश की जा रही है।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। गांव के लोगों और मृतका के परिजनों ने प्रशासन से दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि सरकारी वाहन चलाने वालों को लापरवाही बरतने पर सख्त सजा मिलनी चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसे हादसों को रोका जा सके। इस घटना ने एक बार फिर सरकारी वाहनों की तेज रफ्तार और लापरवाह ड्राइविंग के मुद्दे को उजागर किया है। ग्रामीणों का कहना है कि कई बार सरकारी गाड़ियां बिना सायरन, तेज रफ्तार में गांव और सड़कों से गुजरती हैं, जिससे हादसे का खतरा बढ़ जाता है। प्रशासन और पुलिस पर सवाल उठ रहे हैं कि अगर यह वाहन सरकारी था, तो चालक को तुरंत गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया।

