Gaurela-Pendra-Marwahi. गौरेला-पेंड्रा-मरवाही। छत्तीसगढ़ के गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले के बैगा आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र छिंदपानी में डायरिया का प्रकोप है। जिससे रज्जू बैगा नाम के व्यक्ति की मौत हो गई है। जबकि 35 लोग बीमार हैं। कुछ पीड़ितों का इलाज गौरेला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में चल रहा है। जबकि कुछ पीड़ितों को आंगनबाड़ी शिफ्ट किया गया है। जहां जमीन पर दरी-गद्दा बिछाकर इलाज किया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक, गांव में साफ पीने के पानी की व्यवस्था न होना डायरिया का मुख्य कारण है। ग्रामीण पहाड़ के नीचे बने ठोड़ी से पानी लाते हैं। इसमें पहाड़ से बहकर गंदा पानी भी मिल जाता है। प्रशासन ने पीने के पानी के लिए टैंक की व्यवस्था की थी। लेकिन वह टैंक पिछले तीन दिनों से खाली पड़ा है।
इस कारण ग्रामीण मजबूरी में उन्हीं ठोड़ी से गंदा पानी पीने को विवश हैं। छिंदपानी गांव में आंगनबाड़ी केंद्र को ही अस्थायी अस्पताल के रूप में उपयोग किया जा रहा है। वहां दवाइयों का स्टॉक और कर्मचारी मौजूद हैं। लेकिन उचित व्यवस्था न होने के कारण मरीजों को जमीन पर दरी-गद्दा बिछाकर इलाज किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि डायरिया फैलने के बाद भी गांव में साफ पीने के पानी की व्यवस्था नहीं की गई है। सड़कों में कीचड़, पत्थर और गड्ढों के कारण आपातकाल में गांव तक पहुंचना भी मुश्किल हो रहा है। इधर, प्रभारी बीएमओ एसके सिन्हा का दावा है कि डायरिया के प्रसार को रोकने के लिए कदम उठाए हैं और मरीजों का इलाज किया जा रहा है। विभाग लोगों को जागरूक करने और एहतियात बरतने की बात कह रहा है।

