छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जिसने विकास के सरकारी दावों की पोल खोल दी है। जिले के ग्राम कंडरजा में बदहाल सड़क व्यवस्था के कारण एंबुलेंस मरीज के घर तक नहीं पहुंच पाई, जिसके चलते परिजनों को बीमार महिला को पैदल ही अस्पताल ले जाना पड़ा। यह घटना न केवल सड़क की स्थिति को दर्शाती है, बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं तक समय पर पहुंचने की गंभीर समस्या को भी उजागर करती है। जानकारी के अनुसार, ग्राम कंडरजा निवासी तुलसी बाई राठीया, पत्नी लक्ष्मण राम
राठीया
, अचानक गंभीर रूप से बीमार पड़ गईं। परिजनों ने तुरंत 108 एंबुलेंस सेवा को कॉल किया, लेकिन गांव तक पहुंचने वाला रास्ता इतना खराब था कि एंबुलेंस दलदल और कीचड़ से भरे मार्ग पर फंसने के डर से मरीज के घर तक नहीं आ सकी। मजबूरन परिजनों और ग्रामीणों ने तुलसी बाई को चारपाई में लादकर पैदल ही कापू अस्पताल तक पहुंचाया।
ग्राम पंचायत विजय नगर के कंडरजा मोहल्ला पटना पारा समेत आसपास के कई गांवों में सड़कें बेहद जर्जर हैं। बारिश के मौसम में हालात और बिगड़ जाते हैं, क्योंकि सड़कें दलदल में तब्दील हो जाती हैं। ग्रामीणों का कहना है कि कई वर्षों से सड़क निर्माण और मरम्मत की मांग की जा रही है, लेकिन प्रशासन और जनप्रतिनिधियों ने अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया। स्थानीय लोगों ने बताया कि खराब सड़कों के कारण एंबुलेंस और अन्य आपातकालीन सेवाएं समय पर नहीं पहुंच पातीं, जिससे गंभीर मरीजों की जान जोखिम में पड़ जाती है। यह पहली घटना नहीं है जब किसी मरीज को एंबुलेंस न मिलने के कारण पैदल अस्पताल ले जाना पड़ा हो, बल्कि पिछले वर्षों में भी ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं।
ग्रामीणों का आरोप है कि हर चुनाव में सड़क सुधार का वादा किया जाता है, लेकिन चुनाव बीतने के बाद यह मुद्दा भुला दिया जाता है। वहीं, प्रशासन का दावा है कि सड़क मरम्मत और निर्माण कार्य के लिए प्रस्ताव भेजा गया है, लेकिन प्रक्रिया में समय लग रहा है। इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या विकास के दावे केवल कागजों तक सीमित हैं? जब तक ग्रामीण क्षेत्रों की मूलभूत समस्याओं पर ध्यान नहीं दिया जाएगा, तब तक स्वास्थ्य और आपातकालीन सेवाओं की पहुंच आम लोगों तक नहीं हो पाएगी। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही सड़क निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ, तो वे बड़े पैमाने पर आंदोलन करेंगे और जिम्मेदार अधिकारियों का घेराव करेंगे। इस घटना ने प्रशासन की लापरवाही और सिस्टम की कमजोरियों को उजागर करते हुए आम जनता को अपने हक के लिए आवाज उठाने पर मजबूर कर दिया है।

